Monday, August 24, 2015

पेट का दर्द: लक्षण और घरेलू इलाज

पेट का दर्द :
        पेट दर्द कहने - सुनने या देखने में छोटा सा लगने वाला शब्द है, किंतु यह जटिल बिमारियों का जनक भी हो सकता है । पेट दर्द कई तरह के होते हैं
        सुप्त यह दर्द पेट के आंतरिक हिस्से में होता है | यह दर्द कभी तेज तो कभी धीमा हो जाता है | रोगी को एसा लगता है जैसे पेट के अंदर कोई रह रहकर सुइयाँ चुभो रहा है | सुप्त पेट दर्द कई तरह की बीमारियों के लिए खतरे की घंटी है; जैसे यदि पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द का एहसास होता है तो यह जिगर आमाशय, पित्त की थैली या अग्न्याशय आदि में से किसी अंग में कोई गड़बड़ी ओर इशारा करता है | यदि दर्द पेट के बीचोबीच महसूस होता है तो यह छोटी आंत, अपेंडिक्स या बड़ी आंत में से किसी में दिक्कत की ओर इशारा करता है | दर्द यदि पेट के निचले हिस्से में होता है तो यह बड़ी आंत, मलाशय, गुरदे, मुत्रवाहिनी, मूत्राशय स्त्रियों के गर्भाशय व डिबाशय आदि में से किसी अंग में दिक्कत की ओर इशारा करता है |  
        पेट दर्द पेप्टिक अल्सर में बहुत ही असहनीय दर्द होता है | साथ ही जलन एव भारीपन की शिकायत भी रहती है | पित्त की थैली में पथरी रहने पर ऐसा दर्द होता है, मनो पूरा बदन छोटे से गोले में सिकुड़ा जा रहा हो | अग्न्याशय की सुजन में दर्द इतना तेज होता है की रोगी घबरा जाता है | अपेंडिसाटीस में भी दर्द अत्यंत तीव्र होता है | गुरदे की पथरी का दर्द कमर के निचले हिस्से से आरंभ होकर आगे की तरफ मूत्र मार्ग की ओर जाता है | इससे रोगी काफी तडपता है | आंत के अवरोध वाले पेट दर्द में रोगी को उल्टियाँ होती है | मल रुक जाता है | गैस पास नहीं होती | यह मरोड़ जैसा होता है |  
       पेट का दर्द अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि शरीर की कई दूसरी बिमारियों को व्यक्त करने का जरिया मात्र है, पेट दर्द का उपचार भी इस बात पर निर्भर करता है की रोगी की मूल बीमारी क्या है ?

  • यदि पेटदर्द मरोड़ के साथ होता है तो पुराने आम की गुठली के चूर्ण में कला नमक मिलाकर मटठा या  ताजा पानी के साथ सेवन करें दर्द उठना बिलकुल ठीक हो जाएगा |
  • पेट में गैस बन रही है या अपान वायु नहीं घूम रही है तो आधा चम्मच अजवाइन हथेली पर रगड़कर उसमे काला नमक तथा हिंग डालकर गुनगुने पानी से फंकी करें | 
  • अफारा के कारन पेट दर्द है तो घी देसी में पीसी सोंफ तथा हिंग मिलाकर गरम करें फिर इससे नाभि के चारों ओर हलकी मालिश करें |
  • एक गिलास पानी में एक नीबू का रस तथा आधा चम्मच खाने वाला सोडा डालकर तुरंत पि जाएँ इससे पेटदर्द में आराम मिलेगा |
  • सामान्य पेट दर्द निम्न चूर्ण घर में बनाकर रख ले और आधा चम्मच चूर्ण ताजा पानी के साथ सेवन करें | अजवाइन तथा जीरा बराबर मात्रा में लेकर तवे  पर आधा भुन लें | इससे बराबर सोंठ डालकर पिस लें अब इसमें बराबर मात्रा में सेंधा या काला नमक मिलाकर शीशी में भरकर रख लें |                                               


Thursday, August 13, 2015

कान का रोग : सावधानियाँ

कान के दर्द कैसे होता है :

                   कान का दर्द होना आम बात है | अह कई कारणों से होता है | चोट लगने पे या कण में फुंसी होने पर कान  में असहनीय पीड़ा होता है | और कुस भी अच्छा नहीं लगता | न लेटने पर चैन आता और न बैठने पर |कान में कुपित वायु प्रवेस कर कान दर्द का कारण बन जाती है |



          सावधान : कान  में दर्द या खुजली होने पर इसमें पेंसिल या तीली आदि भूलकर भी न डालें | कान की  वैक्स या धूल - मिट्टी निकालनी हो तो रुई लगी सलाई उपयोग में लाएँ | कान में पानी कदापि न भरें |
     
        उपचार (इलाज ) :
१) बच्चों या बड़ों के कान में दर्द हो तो प्याज के रस को सरसों के तेल में पकाकर ठंडा होने पर कान में दो बूंद डालकर रूई लगा दें, दर्द में आराम मिलेगा |
२) कान में अगर फुंसी हो तो लहसुन की कलियाँ छीलकर उन्हें सरसों के तेल में खूब पकाएँ | इस तेल को शीशी में भरकर रख लें और सुबह-शाम दो-दो बूंद कान में डालें | इससे कान दर्द में बड़ा आराम मिलता है |
३) प्रसूता माँ का दूध कच्चे के कान में डालें | इससे बच्चों के कान का दर्द दूर होता है  |
४) नीम की निबोली या पत्तों का रस सरसों के तेल में पकाकर रख लें | बच्चों-बूढ़े किसी के कान दर्द होने पर दो-दो बूंद कान में डालें |
५) फुंसी होने पर नीम या बकायन का तेल गुनगुना करके कान में डाल सकते है | इससे फुंसी का घाव जल्दी भरता है और दर्द में आराम मिलता हैं |
६) आवश्यक समजें तो कोई भी आयुर्वेदिक ईयर-ड्राप कान में डाल सकते हैं | बच्चों के मामले में विशेष सावधानी बरतें |
७) तुलसी दल मसलकर रस निकाल लें | कान दर्द की शिकायत होने पर दो बूंद कान में डालें,तुरंत आराम मिलेगा |
८) सफेद प्याज का रस गुनगुना करके कान में डालने से दर्द में आराम मिलता है, अगर घाव या फुंसी है तो घाव भी भर जाता है |
९) जिनको लगातार नजला या जुकाम रहता है, उन्हें कान दर्द की शिकायत आम बात है, अत: जुकाम होने पर इसका तुरंत इलाज करें |

गर्मी के बाद बारिश का शरीर को क्या लाभ मिलती है |

 बारिश के लाभ :           गर्मी के बाद बारिश बहुत ही सुकून देती है | बारिश का इंतज़ार हर किसी को रहता है | बारिश के पानी का लाभ सभी को ...