Tuesday, June 28, 2016

बारिश में अपनी ख्याल कैसे रखें !

बारिश का मौसम :

         हर साल की तरह इस बार भी वर्षा ऋतू का आगमन हो गया है | ग्रीष्मकाल के समाप्ति के बाद तपती हुई धरती पर जब बारिश की रिम-झिम गिरती है तो वह समस्त सजीव को तारो ताजा तो करती है | पर साथ ही कई बिमारियों को भी आमंत्रित देती है | हर किसी को इस सुहाने मौसम का पूरा मजा उठाने की इच्छा होती है | इसके साथ ही इस मौसम में लोग अक्सर जल्दी लोग बीमार हो जाते है | बारिश के मौसम में मलेरिया, डेंगू, सर्दी-खासी, जुलाब, उलटी,वगेरे इत्यादि अनेक रोग फेल जाता है | जिस तरह हम बारिश से बचने के लिए छाते के इस्तेमाल करते है ठीक उसी तरह बरसात के मौसम में फैलनेवाली इन बीमारियों से बचने के लिए हमें कुछ एहतियात रूपी छाते का इस्तेमाल करना चाहिए |


         वर्षा ऋतू में हवा में अधिक नमी होने के कारण शरीर की गरमी बाहर नहीं निकलती है | इसके साथ ही पसीना भी ज्यादा आता है ऐसे में जरुरी है की शरीर में पर्याप्त पानी का प्रमाण रखने के लिए भरपूर पानी का सेवन करना चाहिए | हमेशा उबाल कर पानी ठंडा किया हुवा या फ़िल्टर किये हुए स्वच्छ पानी का सेवन करना चाहिए | कमसे कम १५ मिनट तक पानी अवश्य उबालना चाहिए | हर किसी को बारिश में भीगना पसंद है पर बारिश में ज्यादा देर तक भीगने से सर्दी-खासी और बुखार हो सकता है | कपडे जुटे चप्पल गिले हो जाने पर तुरंत बदल दे ज्यादा समय तक गिले कपडे पहनने से फंगल इन्फेक्शन रोग हो सकता है | बदलते मौसम में बुजर्गो के बीमार होने की संभावना ज्यादा होती है | इसलिए जरुरी है की उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखना है | अपने घर के आसपास गंदगी न होने देना चाहिए | घर के आसपास के गड्ढो को भर दे | जिससे बारिश का पानी रककर सड़ने न पाए | इससे मच्छर उत्पन्न नहीं होता है | अपनी नियमित चल रही दवाइयों का अधिक खुराक जमा कर ले ताकि बारिश की वजह से बाहर न जा सकने पर दवा में कोई गैप न पड़े | किसी भी रोग की शंका होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए |
वर्षा ऋतू में ध्यान रखें -

  • वर्षा ऋतू में बाहर खाना मना है | बाहर का खाना खाने से जुलाब, उलटी इत्यादि गंभीर रोग हो सकता है | सडक के किनारे बेचे जानेवाले चायनीझ फ्रूट, भेल, पानी पूरी यह पोइजनिंग होने के प्रमुख कारण है |
  • ध्यान रहे की खाने से पहले फल सब्जी को अच्छे से स्वच्छ पानी से धो कर साफ़ कर लेनी चाहिए | खास कर हरी पत्तेदार सब्जी | भरपूर स्वच्छ पानी का सेवन करे | बासी भोजन पहले से कटे हुए फल तथा दूषित भोजन का सेवन न करे |
  • इस मौसम में सब्जी फल जल्दी ख़राब हो जाता है इसलिए हमेशा ताजा फल या सब्जी का उपयोग करना चाहिए | हमेशा गरम ताजा खाना खाना चाहिए | 
  • इन दिनों में हमारी पाचन शक्ति सबसे कम होती है | ऐसा भोजन खाना खाए जो आसानी से पच जाए | जब भूख लगे तब ही और जीतनी भूख हो उतना ही आराम से पचने लायक खाना लेना चाहिए | 
  • ज्यादा ठंडा खट्टा न खाए | ज्यादा नमक वाली चीजे जैसी चिप्स, कुरकुरे, चटनी, पापड़ कम खाए क्योंकि इस मौसम में शरीर में WATER RETENTION की संभावना ज्यादा होती है |  
  • बारिश में भीगने पर ज्यादा देर तक बालो को गिला न रखना चाहिए | बारिस से बचने के लिए छाता / रेनकोट का इस्तेमाल करना चाहिये |
  • अगर आप को अस्थमा है या फिर आपको जल्दी सर्दी-जुखाम-खांसी हो जाती है तो बारिश में न भीगे | बुजर्ग बारिश में ज्यादा बाहर न निकले | गरमा चाय,कोफ़ी या सूप पिए |
  • डायबिटीस के मरीजो को विशेष रूप से अपने पैरो को ज्यादा ख्याल रखना चाहिए | पैर गिले होने पर तुरंत इत्यादि त्वचा रोग हो सकते है |खाने में हल्दी इलायची, दालचीनी का इस्तेमाल करे | इनसे रोग प्रतिकार शक्ति बढती है | रात्रि में सोने के लिए मच्छरदानी का उपयोग करना है |
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Friday, June 24, 2016

अंडर आर्म्स से सुटकार कैसे करे !

डार्क अंडर आर्म्स : 

        डार्क अंडर आर्म्स यानी गहरे काले रंग वाली बगले आपको स्लिक्लैंस टॉप्स या ब्लाउझ पहनने से रोकती है | एक विशेष के अनुशार यदि आप साफ़-सुथरी और खिली-खिली त्वचा चाहती हैं तो मैश किए सेब तथा नारियल तेल बगलों में लगाए |

       आइए हम जानते है कुछ टिप्स 
केसर के टिप्स - कई सबंधी सोंदर्य के लाभ पाए जाते है | इसमें प्राकृतिक तोर पर त्वचा के रंग को हल्का करने के गुण होते है | दो बड़े चम्मच हलके लोशन में एक चुटकी केसर मिलाए इसे अच्छी तरह मिश्रित करें और अंडर आर्म्स में लगाए | इससे न सिर्फ आपकी त्वचा गोरी होगी बल्कि बगलों की दुर्गघ से भी सूटकारा मिल जाते है |
दूसरा है सेब और नींबू - यदि रोज आप अपनी बगलों में मेश किया हवा सेब मलती है तो इससे भी कालेपन और दुर्गघ से छुटकारा मिलता है | सेब में AAHA मौजूद होता है जो अंडर आर्म्स के कालेपन का कारण बनने वाले बैकटरिया तथा कीटाणुओं को ख़त्म करने में सक्षम होता है |
       नींबू यह एक प्राकृतिक ब्लोचिंग एजेंट के तोर पर प्रसिद्र है यदि आप अपनी अंडर आर्म्स पर नींबू रगडती है तो ये गोरी हो जाती है | यह बात ध्यान में रखे की नींबू ड्राई होता है | इसलिए इसे साफ़ करने के बाद त्वाचा पर माइश्चराईजर या बॉडी लोशन अवश्य लगाए | ये अच्छे एंटी सैप्टिक एजेंट्स होते है | इस तरह ये अंडर आर्म्स की दुर्गघ से भी छुटकारा दिलाता है |

  • संतरे का छिलका - संतरे के छिलके में सिट्रिक एसिड पाया जाता है | जिसका इस्तेमाल स्किन ब्लीच के लिए किया जाता है | संतरे के कुछ छिल्को को तिन-चार दिन सुखाने हेतु रख दे, जब तक ये पूरी तरह सुख न जाए दो बड़े चम्मच छिलके पिस कर गुलाब जल में मिलाए और अंडर आर्म्स में लगाए १० मिनट लगा रहने दे और फिर ठंडे पानी से धो दे |
  • नारियल का तेल - यह एक सौंदर्य के लिए एक युनिवसंल थेरेपी है | अपनी अंडर आर्म्स की त्वचा पर नहाने से १०-१५ मिनट पहले नारियल तेल से मालिश करे | नारियल तेल एक प्राकृतिक डियोडरेंट भी है |
  • और तीसरा दूध - जहा तक डार्क अंडर आर्म्स को गोरा बनाने की बात है तो दूध भी नींबू जितना ही प्रभावी सिद्र होती है | दूध में कुछ ऐसे विटामिन्स तथा फेटि एसिड्स मौजूद होते है | जो त्वचा को स्वस्थ तथा चमत्कार बनाती है | बस अपनी अंडर आर्म्स में थोडा दूध लगाए और इसे १०-१५ मिनट तक लगा रहने दें | प्रतिदिन एक बार ऐसा अवश्य करना चाहिए |
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Monday, June 20, 2016

योग दिवस २१ जून को मनाया जाता है !

योग दिवस २१ जून :
        २१ जून को आंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है | भारत में हर जगह-जगह पे योग जागरूक हो ही रहे है | योग भी बड़ा आकर्षित करता है और अब तो भारत में योग की महत्व को कोई भी नकार नहीं सकता हैं |  बहुत कम लोग है जो ऐसा कर रहे है | संस्कृति बचने और बनाये रखने का एक हिस्सा है | आजकल जहा हमारी संस्कृति बचाने आंकते है ऐसे में जब तक कोई चीज जमा नहीं होती हम उसे महत्व हिन् ही समझते है |  योग करना अच्छा है लेकिन फिर भी इस बारे में कुछ महत्वपूर्ण बाते जान लेना आवश्यक जरुरी है | आप जंगलटिप्स  (www.jangaltips.blogspot.in) फायदा ले पायें और योग का हमारे दैनिक जीवन में महत्व है | भारतीय धर्म और दर्शन में योग का अत्यधिक महत्व है |

       जीवन में सकारात्मक विचारो का होना बहुत आवश्यक है | योग का एक महत्वपूर्ण फायदा यह है की यह तनाव से मुक्ति प्रदान करता है | योग स्त्री, पुरुष, बच्चे, युवा, वृद्ध सभी के लिए लाभ योग लाभप्रद और फायदेमंद है | योग से शरीर मजबूत और लचीला होता है | और कई प्रकार की शरीर और मानसिक परेशानियों को दूर करता है | यह थकान, सिरदर्द, जोड़ो के दर्द से राहत दिलाता है | एंव ब्लड प्रेसर को सामान्य बनाए रखने में भी सहायक होता है |
योग करने का सही समय :-
  • योग करने के लिए सबसे अच्छा समय होता है वो सुबह सूर्योदय के आधा घंटा पहले और सामको सूर्योदय के एक घंटे के बाद | क्योंकि उसके बाद तो वातावरण और हवा नीरस हो जाते है इसलिए यह समय सबसे अच्छा होता है |
  • योग सुबह सबसे अच्छा समय होता है | सुबह नास्ता करने से पहले योग का अभ्यास करना चाहिए | क्योकि अभ्यास करते वक्त पेट खाली होना चाहिए |
  • योग शुरू करने से पहले खुद को तनाव मुक्त और मन को शांत कर लेना चाहिए | चुने हुए समय पर ही नियम से योग करना है |
  • सबसे खास बात गर्भवती महिला और रजस्वला महिला को ध्यान में ये बात हमेशा रखनी चाहिए की वो सामान्य से अलग है इसलिए योग के गुरु के निर्देशानुसार ही योग करना चाहिए | यह एक विशेष स्थिति होती है | 
  • इसके अलावा अगर आप योग के प्रति गंभीर है तो अपने भोजन संबंधी आदतों को भी आपको सुधारना होगा | भोजन ऐसा ग्रहण करें जो पचने में ज्यादा समय नहीं ले और संतुलित भोजन कैसा हो या हमारी भोजन की आदतों कैसी हो इस बारे में जानना है |
  • योग से मस्तिक शांत होता है जिससे तनाव कम होकर ब्लड प्रेसर, मोटापा और कोलेस्ट्रोल में कमी आती है | मांसपेशिय मजबूत होती है | नर्वश सिस्टम में सुधार होता है | शरीर का रोगों से लड़ने की ताकत इजाफा होता है | जिसमे आप बार- बार बीमार नहीं पड़ते हैं |
  • बेड या अन्य सुविधाजनक जगह पर योग करने के कोई फायदे नहीं है | जब भी योग करें कम्बल और चटाई बिछाने में मुझे नहीं लगता कुछ ज्यादा समय लगता है इसलिए ये करना है   
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Wednesday, June 15, 2016

चीकू खाने से फायदा क्या है ?

चीकू खाने से फायदा :
      चीकू उन फलों में से एक है | जो स्वाद में बेहतरीन होने के साथ स्वास्थ्य के लिए भी बेजोड़ है | यदि चीकू को दूध के साथ उपयोग किया जाता है तो स्वास्थ्य के लिए लाभ दोगुना हो जाता है |


        चीकू खाने के बाद शरीर में स्फूर्ति और ताजगी आ जाती है | इसमें प्रोटीन, कार्बोहाईड्रेट चर्बी, विटामिन ए तथा सी, फास्फोरस, लोहा आदि पोषक तत्व काफी मात्रा में होता है |  चीकू में ओषधीय गुण भी है | यह पुष्टिकर है , आतों में शक्ति लाता है, भूख बढ़ता है, पेशाब लाता है और पेशाब की जलन दूर करता है |  चीकू में विटामिन ए अच्छी मात्रा में पाया जाता है जिसकी वजह से बड़ी उम्र में होने वाली आखों की समस्यों को भी दूर किया जा सकता है | कार्बोहाईड्रेट और आवश्यक पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा पाए जाने की वजह से यह गर्भवती और स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए चीकू बहुत बहुत फायदेमंद होता है |

  • चीकू में ग्लूकोज अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर को तुरंत उर्जा प्रदान करता है | 
  • चीकू में टैनिन की अच्छी मात्रा पाई जाती है जिसकी वजह से यह एक अच्छा एन्टी-इन्फ्लेमेटी एजेंट है | दुसरे शब्दों में कहा जाए तो यह कब्ज, दस्त और एनीमिया जैसी बीमारियों से बचाता है, साथ ही आंतों की शक्ति बढ़ता है | 
  • चीकू में हेमोसटाटिक प्रोपर्टीज के गुण भी पाए जाते हैं | यह शरीर में होने वाले रक्त के नुकशान से भी बचाता है | 
  • चीकू बवासीर और जख्म को भी जल्दी ठीक कर देता है |
  • चीकू के बीज पीसकर उसे कीड़े के काटने की जगह पर भी लगाया जा सकता है |                                               यह आपको पढ़कर अच्छा लगा हो तो अपने मित्र या ग्रुप में अवश्य शेयर करे | स्वास्थ्य के लिए अधिक जानकारी www.jangaltips.blogspot.in पे क्लिक करो या गूगल पर टाइप करो | यदि आपके पास स्वास्थ्य के बारे में अधिक जानकारी है तो हमारी E-mail Id है : jangaltipsin2015@gmail.com पर भेज सकते है Thanks.
       

Sunday, June 12, 2016

मेकअप का छोटा किट पर्स में रखे !

मेकअप पूरा दिन बहार रहना :  

     आधुनिक ज़माने में मेकअप करना सामान्य हो गया है | अपने अपने आवडत प्रमाण में   स्त्रीओ सोंदर्य बढाने की सतत कोशिश करते है | मेकअप का उपयोग जादा करने से मेकअप बाबत की फरियाद भी पुष्कड़ प्रमाण होता है यह एक स्वाभाविक बाबत है |




      ज्यादा स्त्रीओ मेकअप करे इस टाइम एकदम सुंदर दिखती है | परंतु जो स्त्री को दो घंटे के बाद देखे गे तो उनका मेकअप अच्छा दीखता है दो घंटे बाद पूर्व दिखती थी इस तरह नहीं दिखाई देगी चहेरा पे फोंडेशन व ब्लाशर्ण धाबा, आईलाइनर फेला हुवा रहता है होठो पे भी लिप्सटिप कोइक जगह पे हतेष वाली कोई आसी हो जाती है और साफ़ हो जाता है | ऐसा चहेरा देख के ऐसा लगता है की उसने पूरा चेहरा साफ़ किया है | एसा होने से मुख्य कारण ऐसे की एक बार मेकअप करने के बाद स्त्री खुद का मेकअप संभाला नहीं | दुसरे सब्दो में कहे तो एक सब्द मेकअप करके निश्चित हो जाने से मेकअप प्रत्ये उचित ध्यान देती नहीं | स्त्री चाहते है तो सुबह किया हुवा मेकअप साम तक अकबंध रख सकते है | लेकिन ऐसा तब होता है की जब स्त्री खुद का मेकअप प्रत्ये ध्यान देते है | सामान्य मेकअप करने के बाद दो घंटे तक यथावत रहता है | परंतु जादा तर स्त्रीओ का तो दो घंटे में मेकअप फेल जाता है | इसी लिए बेजवाबदारी के आदत नहीं उनके त्वचा दोषी होते है | ज्यादा तैअली अगर तो रुक्ष त्वचा पर दोषी होता है | ज्यादा तैअली अथवा तो रुक्ष त्वचा पे मेकअप ज़ड़प से फेलाई जाता है |

 ध्यान में रखने के लिए मुद्दें :-

     पर्स में एक छोटा अरिसा (काच) थोड़े टिस्यू पेपर टिस्यू में पडिका बाधा हुवा थोडा टेलकम पाउडर अथवा फेस पाउडर छोटा कंगवा या मनपसंद रंगनी लिपस्टिक रखना है | एक टिस्यू पेपर हाथ में लेके थोड़ी थोड़ी देर होठ, हडपची, नाक के निचे, ऊपर आसपास आँखों के निचे अनेक कपाल पर थपथापवत रहना कारन है की यह स्थान के त्वचा में से हमेशा तेल या पसीना निकालता होनेसे लिपस्टिक फ़ौंडेशन और लाइनर रेलाई जाने की शक्यता बढ़ जाता है | गरमी के रुतु में पसीना अधिक होनेसे मेकअप फेल जाने की फ़रियाद सामान्य हो गया है | इस वजह पाउडर रखा टिस्यू पेपर से बारबार चहेरे पे लगते है | गरमी ज्यादा होने से लिपग्लोस लगाने के बाद लिपस्टिक लपेड़ा लगता टिस्यू पेपर को होठ के बिच जैसे के ऊपर रख के धीरे से दबाकर ज्यादा है वह लिपस्टिक टिस्यू पेपर में लग जाता है |

     लिपस्टिक होठ की बाजू की साईट बहार जाये तो बाजुकी तथा अंदर के भाग में थोडा साफ़ करके लिपस्टिक का दूसरा कोट लगाना है |
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Friday, June 10, 2016

तनाव दूर भगाएँ लाइफस्टाइल बदलकर

तनाव दूर भगाएँ :
        हमारा खानपान भी इसी तरह तनाव मुक्ति का संकेत देने वाली नर्व को रिलेक्स करता है या उत्तेजित करता है | डायफ्रोर्म से दिमाग तक जाने वाली वैगस नर्व को रिलेक्स करने वाले फूड्स में मैगनेशियम, पोटेशियम होना चाहिए | जैसे बादाम, बोर, फल ( जैसे जामुन ) कददू के बिज या डार्क चोकलेट | ड्रिक करने, सिगरेट पिने या तंबाकू खाने से चिंता घटती है, यह भ्रम है | फल, सब्जिया, साबुत अनाज प्रोटीन युक्त आहार से चिंता घटाने वाला सेरोटोनिन बनता है | कैफीन यानी कोफ़ी के सेवन से भी चिंता बढती है, घटती नहीं है |


एक्सरसाइज :-
        यह तनावमुक्ति का फिजियोथैरोपी तरीका है | मांसपेशियों को कुछ सेकंड तानकर ढीला छोड़ दें | जोंगिंग, तेज चलने या दौड़ने से भी तनाव घटता है | शवासन भी तनाव घटता है | शवासन में शरीर ढीला छोड़ दिया जाता है |

दोस्तों परिजनों का संगत
       तनाव मुक्ति का सबसे प्रभावी तरीका है दोस्तों परिजनों से सुख-दुःख शेयर करना | निसंदेह शेयरिंग ऐसे व्यक्ति से हो जिसे आपकी चिंता हो | हमारे मस्तिष्क में भावनाएं निर्मित करने वाले केंद्र को सबसे पहले चिंता के कारणों की सुचना मिलती है | दोस्तों से शेयरिंग इन भावनाओं को संभालते है और बिखरने नहीं देते |

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Wednesday, June 8, 2016

साँप काटने के लक्षण और उपचार !

साँप का काटने का दुर्घटना :
        साँप का काटना एक गंभीर दुर्घटना मानी गई है | कुछ साँप विष रहित और कुछ अधिक विषैले होते है |अधिक विषैले होना साँप की जाती पर निर्भर करता है | साँप अपने ऊपर के दांतों को देह में कडाकर इंजेक्शन के समान रक्त में अपना विष डाल देता है | साँप काटने से मृत्यु, साँप का विषैला होना, विष की मात्रा व्यक्ति विशेष की विष क्षमता पर निर्भर करता है |


        हमारे देश भारत में दो विषैली जाती के साँप होते हैं १. कोबरा २. वाइपर कोबरा के काटने का असर स्नायुमंडल पर अधिक होता है और रक्त प्राय: कम प्रवाहित होता है | स्नायु मंडल प्रभावित  होने से श्वास- प्रश्वास केंद्र पर पक्षाघात का प्रभाव होता है और रोगी की मृत्यु हो जाती है | कोबरा का सिर अंडाकार और बाकी देह छोटी होती है | इस पर टेढ़ी- मेढ़ी लकीरें होती हैं | देह पर बड़े- बड़े चकते होते हैं और फन चौड़ा होता है |  वाइपर जाती के साँप का विष रक्त को अधिक प्रभावित करता है | रक्त में जमने की शक्ति नहीं रहती है | वाइपर के सिर के ऊपर का भाग तीर की तरह होता है | यह भाग देह की अपेक्षा अधिक चौड़ा होता है | सिर देह के साथ पतली गर्दन द्वारा जुड़ा रहता है | वाइपर जाती के साँप द्वारा काटे गए स्थान का रक्त और रंग में बहुत अंतर होता है | रक्त में जमने की शक्ति कम होने से देह में यह विष अधिक पैदा कर देता है | इसलिए वमन और कमजोरी हो जाती है तथा आँखों की पुतलियाँ फ़ैल जाती है | घाव और विष का असर ख़त्म होने पर काटे हुए स्थान के चारों और की त्वचा गल कर गिर जाती है तथा वहाँ का माँस सड जाता है |
      साँप काटने के लक्षण

  • साँप काटने के बाद बहुत अधिक पीड़ा होती है | रोगी को गरमी अधिक लगती है और मन घबराहट होता है | देह ठंडी पड़ जाती है और मूर्च्छा का लक्षण दृष्टिगत होने लगता है | 
  • काटा हुआ स्थान काला पड़ जाता है और साँप के दांतों के दाग हो जाते है | नेत्रों की पुतलियाँ संकुचित हो जाती हैं | श्वास क्रिया मंद पड़ जाती है श्वास लेने में कष्ट होता है |
  • हाथों और पैरों ऐंठन होने लगती है और ये अंग सुन्न होने लगते है | यह सुन्नपन शीघ्र मस्तिष्क की बढ़ता जाता है और चेहरे की सभी पेशियाँ सुन्न हो जाती हैं तथा मुँह से बूंद - बूंद कर लार टपकने लगती है | 
  • श्वास बहुत शीघ्र बंद हो जाती है किंतु हदय गति कुछ समय तक चलती रहती है | मुख से झाग और लार टपकने लगाती है | कभी - कभी जी मचलाने लगता है और उलटी होती है | इसके बाद सारी देह कड़ी होकर अकड़ने लगती है और कुछ घंटों में रोगी की मृत्यु हो जाती है | 
  • साँप के काटे गए स्थान से निरंतर निरंतर रक्तसाव होना और बाद में नाक आँखों और मुख से भी रक्त निकलना सब से अधिक खतरनाक होता है |
     साँप काटने के उपचार 
     यदि भुजा अथवा टांग में साँप ने काटा हो, तो शीघ्र ही धमनी और शिराओं में बंधन के द्वारा रक्त संचार बंद कर दीजिए | यह बंधन सदैव कटे हुए स्थान से ऊपर हदय की और जाना चाहिए | इसके लिए तुर्निकेट, रस्सी, धोती, रूमाल, फीता अथवा रबर नली का प्रयोग कर सकते हैं | हर १५ मिनट बाद बंधन जो १५ सैंकड़ के लिए ढीला कर दीजिए और पुन: कस दीजिए | डोक्टर के आने तक यही प्रक्रिया करते रहना चाहिए |
     साँप के काटे हुए स्थान को थोडा चाकू से चिर कर कुछ रक्त निकल दीजिए और उसमें पोटाशियम परमैगनेट के कुछ दाने भर दीजिए | सिंगी अथवा स्तन चूसनेवाले यंत्र का प्रयोग स्थान विशेष को चीरने के बाद रक्त खींचने के लिए किया जा सकता है | घाव को आग अथवा तेज़ाब से भी जलाया जा सकता है | रोगी को गरम व पूर्ण विश्राम अवस्था में रखिए | यदि रोगी की श्वास गति मदधम पड़ रही हो, तो उसे कृत्रिम श्वास दीजिए | रोगी को उलटी करा दीजिए; पर सोने न दीजिए | रोगी का साहस बनाए रखिए |
    सर्प विष को दूर करने के लिए विशेष प्रकार का प्रतिदंश विष का इंजेक्शन लगवाइए |
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गर्मी के बाद बारिश का शरीर को क्या लाभ मिलती है |

 बारिश के लाभ :           गर्मी के बाद बारिश बहुत ही सुकून देती है | बारिश का इंतज़ार हर किसी को रहता है | बारिश के पानी का लाभ सभी को ...