Tuesday, August 30, 2016

त्वचा की समस्या और देखभाल के टिप्स क्या है ?

त्वचा की समस्या और देखभाल :

        त्वचा का गोरापन जन्म के साथ आता है | मगर इसका मतलब यह नहीं है की बाकी लोग की त्वचा गोरी नहीं हो सकती है | त्वचा में चमक यानी ग्लो दो तरह से आती है | एक महंगे कोस्मेटिक से जो टिकाऊ नहीं होती और दूसरा प्रकृति यानी कुदरत से हमें सुन्दर दिखने के लिए नायाब उपहार दिए है |  क्या आपने कभी खास मौसम में या किसी एलर्जी की वजह से अपनी त्वचा पर लाल-लाल चकत्तों का आना, खुजली या फिर नोंचने-खरोचने की इच्छा | यह सभी स्किन सेंसेटीविटी  यानी त्वचा संवेदनशीलता के संकेत हैं |


       अगर हम इसे आजमाएं तो त्वचा का गोरापन कोई सपना नहीं रह जाएगा | बस जरुरत है इसके इस्तेमाल की विधि को जानने की | त्वचा पर एलर्जी या बाहरी तत्वों से बचाव के लिए एक बैरियर होता है | यह बैरियर स्किन का PH लेवल होता है | स्किन बैरियर उन सभी कारकों से लड़ता है जो आपकी त्वचा की संवेदनशीलता को बढाती है | हमारी त्वचा बहुत सारे चीजों के संपर्क में आती है | जैसे एयर कंडीशन, मौसम, गर्मी, ठंड, बरसात, सूर्य की तेज पराबैंगनी किरणे केमिकल और धुल-गुबार इत्यादि | त्वचा की उपरी सतह पर pH लेवल ५.५ होता है | यह लेवल सभी तरह के बदलाव को सहन करता है |

घरेलु उपचार त्वचा की समस्या -
       इसे आजमाएं झाइयां होगी ख़त्म एक चम्मच क्रीम में पिसे हुए बादाम और नींबू का रस मिलाकर पेस्ट बना लें | इसे चेहरे पर लगाएं | इस फेस पैक से चेहरे की झाइयां ख़त्म होती है | सफ़ेद तिल और हल्दी की बराबर मात्रा लें और इसे पानी के साथ अच्छी तरह पिस लें | इस पेस्ट को प्रभावित स्थान पर लगाएं | सूखने पर उबटन की तरह मलकर छुडाएं | झाइयाँ छु मंतर हो जाएगी | झाइयों पर पपीता मलने से भी काफी फायदा होता है | हालांकि ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें इस बात का नहीं पता होता की उनकी त्वचा किस प्रकार की है ? संवेदनशील या सामान्य तो आइए पहले जानते हैं की वे कौन से संकेत हैं जो हमें हमारी त्वचा की संवेदनशीलता का आभास कराते हैं |

  • शेव करने के बाद त्वचा रुखा हो जाना या जलन और खुजली होना | चेहरा धोने के बाद उसमें खिंचाव महसूस करना | त्वचा अचानक ज्यादा लाल हो जाना और मुंहासे निकल आना | मौसम के बदलाव का त्वचा पर जल्द असर दिखना | 
  • बिना किसी बाहरी कारण के भी त्वचा में जलन होना या खुजली होना | कुछ नहाने और कपडे के साबुन भी ऐसे होते हैं जिनके प्रयोग से त्वचा में जलन होने लगती हैं | 
स्किन का सेंसेटिव ख्याल कैसे रखना है |

  • जांच- परखकर ही कोस्मेटिक का इस्तेमाल करनी चाहिए | धुल-मिट्टी और केमिकल से त्वचा को बचा कर रखनी चाहिए | हर्बल और नेचुरल सौन्दर्य उत्पादों का इस्तेमाल करनी चाहिए | धुप में निकलने से पहले चेहरे पर सनस्क्रीन क्रीम या लोशन लगानी चाहिए |
  • ठंड में हमेशा मुलायम उन के स्वेटर पहने | सिंथेटिक उन से स्क्रीन में एलर्जी हो सकती है | बालों में कंघी के लिए कड़े बालों वाले ब्रश का इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए | तेज परफ्यूम वाले साबुन या डिटरजेंट के प्रयोग से परहेज करनी चाहिए | सौंदर्य उत्पाद खरीदते समय लेबल को देख लें अगर वह संवेदनशील त्वचा के लिए है तभी ही खरीदनी चाहिए |
गोरापन पाने की आसान और उपाय कैसे करे |
  • चेहरा धोने के लिए हमेशा एंटी बैक्टेरिया साबुन का उपयोग करनी चाहिए | चेहरे को दिन में २-३ बार धोएं | जिनकी त्वचा तैलीय होती है उन्हें अधिक चेहरा नहीं धोना चाहिए क्योकि यह त्वचा की तेल ग्रंथियों को सक्रीय करती है | 
  • सप्ताह में २-३ बार चेहरे को स्क्रब करना चाहिए क्योकि इससे त्वचा की मृत त्वचा कोशिका खत्म होती है और नई कोशिकाओं का निर्माण होता है | दिन भर में कम से कम १० ग्लाश पानी पिएँ | पानी आपके श रीर से विषाक्त पदार्थो को बाहर करती है |                                                                                             यह आपको पढ़कर अच्छा लगा हो तो अपने मित्र या ग्रुप में अवश्य शेयर करे | स्वास्थ्य के लिए अधिक    जानकारी  www.jangaltips.blogspot.in  पे क्लिक करो या गूगल पर टाइप करो | यदि आपके  पास स्वास्थ्य के बारे में अधिक जानकारी है तो हमारी                                                      E-mail Id है : jangaltipsin2015@gmail.com पर भेज सकते है Thanks.

     
      
        

Saturday, August 27, 2016

खुजली का समस्या और उपचार कैसे करना है !

खुजली का समस्या :

          खुजली शरीर में कई कारण हो सकते है | जैसे की किसी खाध पदार्थ या दवा से एलर्जी, त्वचा का रुखा होना, ठीक से न नहाना और गंदे कपडे पहनना मच्छर या अन्य किटानो काटने से कोई चर्म रोग या पेट में कीड़े होने आदि पर खुजली की समस्या हो सकती है | रिसर्च के अनुसार, शरीर में इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी के कारण भी खुजली होती है | खुजली होने पर किसी भी काम में मन नहीं लगता इंसान सिड्चीडा होता है | इसलिए इसको दूर करने के उपाय करना बहुत जरुरी होता है |


       यहाँ निचे दिया हुवा चार पांच प्रकार है जैसे की नारियल, पुदीना, तुलसी, सेब के सिरके, और नींबू अनेक काम आने वाली खुजली को दूर कर शकते है |

  • नारियल का तेल खुजली वाली त्वचा के लिए तेल बहुत अच्छा होता है | शुष्क त्वचा या मच्छर के काटने पर होने वाली खुजली के लिए तो नारियल का तेल अद्रत काम करता है | प्रभावित क्षेत्र पर सीधा इसे लगाना नारियल के तेल को इस्तेमाल करने का सबसे अच्छा तरीका हैं | 
  • तुलसी के पत्ते थिमोल और कपूर से समृद्र होने के कारण है | इनमे त्वचा की जलन को कम करने की क्षमता होती है | खुजली होने पर तुलसी के कुछ पत्तों को लेकर उन्हें प्रभावित क्षेत्र पर रगड़े | या तुलसी के पत्तों की चाय बनाकर उसे खुजली वाले स्थान पर लगाना चाहिए | 
  • विटामिन C से नींबू समृद्र और ब्लीचिंग प्रकृति के कारण नींबू खुजली वाली त्वचा के लिए सबसे अच्छे उपायों में से एक है | नींबू में मौजूद वाष्पशील तेल में उत्तेजना को सुन्न करने की क्षमता होती है | जिसके कारण यह जलन और सुजन को दूर करने में मदद करता है | इसके लिए नींबू को काटकर उसके रस को खुजली वाली जगह पर मलने से हर तरह की खुजली से छुटकारा मिल जाता है |
  • कीड़े के काटने और खुजली के लिए पुदीना बहुत अच्छा होता है | यह शीतल संवेदना प्रदान कर आपको तुरंत राहत का अनुभव करता है | इसकी पत्तियों को मसलकर सीधे खुजली वाले स्थान पर रगड़ना पुदीने को लगाने का सबसे आसान और तेल तरीका है |
  • बहुत से लोग सेब का सिरका सिर में रुसी को दूर करने के लिए सिरके का उपयोग करते हैं | इसी तरह से यह खुजली वाली त्वचा के लिए भी अच्छी तरह से काम करता है | इसमें मौजूद एंटीसेप्टिक और एंटीफंगल गुण इसे खुजली विरोध एजेंट बनता है | खुजली वाले स्थान पर रुई की सहायत से सेब के सिरके को लगाने से फायदा होता है | 
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Sunday, August 21, 2016

मच्छरों से कैसे बच पाएं

मच्छरों से छुटकारा कैसे पाएं :

           कोई मच्छर आपके कान के पास भिनभिनाये और यह जानना की थोड़ी देर में आपके शरीर के खुले हुए हिस्से पर उसके काटने का निशान भी हो जाता है | ज्यादा आद्रता वाले क्षेत्रों में मच्छर पनपते हैं और दुनिया के कई हिस्सों में ये बीमारियाँ फ़ैलाने के जिम्मेदार हैं | चाहे आप अपनी अगली कैंपिंग में मच्छर के काटने से बचना चाहते हों या अपने यार्ड में मच्छारों की जनसंख्या को सिमित करना चाहते हो तो इस लेख में आपके लिए मददगार तरीके हैं | यह जानने के लिए की मच्छारों से कैसे छुटकारा पाएं और उन्हें वापस आने से कैसे रोकें |
       

आपके पास ऐसी कोई चीज नहीं है ? तो मच्छर  को अपने दोनों हाथों से ताली बजाते हुए मार दें । दोनों हाथों का उपयोग एक हाथ की अपेक्षा अधिक प्रभावी होगी क्योंकि दोनों हाथों की तरफ से आ रही हवा उसे आपके किसी हाथ तक पंहुचा ही देगी । अपने शरीर से दूर रखना मच्छरों के काटे जाने से बचने का सर्वोत्तम तरीका है | जब आप घर के बाहर हों विशेषत: दिन के समय अपने शरीर के खुले हिस्सों और कपड़ों पर इन्फेक्ट रिपेलेंट लगाएं | जब आप सनस्क्रीन का उपयोग कर रहें हों तो उसे इन्सेक्ट रिपेलेंट से पहले लगाएं | दो महीने से कम के नवजातों की सुरक्षा के लिए रिपेलेंट के स्थान पर सही माप की मच्छरदानी का प्रयोग करें | प्रयोगशाला में सिंथेटिक केमिकल्स को मिलकर बनाये गए केमिकल निवारकों के सुरक्षित होने पर प्रश्न उठाये गएँ है और इनके बजे कई प्राकृतिक उपाय भी उपलब्ध है जिनका आप उपयोग कर सकते हैं | सिट्रोनेल ऑइल सिनमन ऑइल और केस्टर ऑइल मच्छरों को दूर रखने में प्रभि माने जाते है | लेमन यूकेलिप्टस का तेल भी बाजार में कई नामो से उपलब्ध है इन्हें प्राकृतिक रूप से यूकेलिप्टस से निकल कर बनाया जाता है और इनमे बड़ी अच्छी सुगंध और अहसास मिलता है | ये प्लास्टिक की परत जैसे नहीं लगते और मच्छरों को भगाने में प्रभावी है | गर्म मौसम में भरी और गहरे रंग के कपड़ों को पहनने से बचें | मच्छर गर्म शरीरों के प्रति आकर्षित होते है | ठंडा रहना मच्छरों के काटने से बचने का एक प्रभावी उपाय है | ऐसा प्रतीत होता है की कला, नीला और लाल रंग भी मच्छरों को सबसे ज्यादा पसंद हैं | मच्छरों मौसम में बाहर होने पर सेंट न लगाएं मच्छर पसीने से आकर्षित होते है | रात के समय खुद को सुरक्षित रखने के लिए मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए | यदि आप मच्छरों के अधिक्य वाली जगह पर सो रहे हैं तो मच्छरदानी को ऐसे उपयोग करें की वह चारों तरफ से आपको घेर ले | केवल यही एक प्रभावी तरीका है जो उन्हें अंदर आकर आपको काटने से रोक सकता है |

  • नियमित रूप से जांच करे की आपकी मच्छरदानी में कोई छेद ना हो पैर के अधिक लब्मे नाख़ून भी सोते समय इसमें छेद कर सकते हैं | सुनिश्चित करें की सोते हुए आप कहीं से भी मच्छरदानी को न छुए |
  • जब आप मच्छरों का आधिक्य महसूस करें तो पालतू पशुओं या पक्षियों के आश्रम को मच्छरदानी से ढक दें | अपने घर के सब दरवाजे और खिडकियों में छेद या टूट-फुट की जांच करे जिनसे मच्छर अंदर आ सकते हों | मच्छरों को अंदर आने से रोकने का कोई एकदम निश्चित तरीका नहीं है परंतु इन क़दमों को उठाने से आपको मदद करुर मिलेगी |
  • शाम,सुबह और अँधेरे में बाहर आने की प्रवत्ति होती है इसलिए अगर आप से हो सके तो इन समयों पर घर के अंदर ही रहें | जब आप ऐसे समय पर बाहर निकलतें है जब मच्छर सबसे ज्यादा सक्रीय हों तो स्वयं को उनसे सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त कपडे पहनें |
  • आप कही बाहर खाना खा रहें हैं तो आप उचित दुरी पर साबुन के पानी से भरा एक बर्तन रख के मच्छरों से बच सकते है | मच्छर पानी के स्त्रोत की तरफ आकर्षित होंगे और वे साबुन के झाग में फस के डूब जाता है | 
  • अपने घर के आस-पास लहसुन उगाएँ | यह आपके घर के आस-पास या बालकनी आदि में कहीं भी लगाया जा सकता है | लहसुन पाउडर का अपने अहाते में छिडकाव भी भागने में मददगार हो सकता है | अपने अहाते और आँगन के क्षेत्रो के आसपास थोडा अतिरिक्त छिडकाव करें | यह आपके पालतू पशुओं को अगर वो इस क्षेत्र में सोते हैं तो मच्छरों के काटने से बचा सकता है |
  • अगर किसी विशेष पानी के स्त्रोत को हटाना संभव न हो तो ऐसे पामी में Bacillus Thuringiensis Israelensis (BTIs) छोड़ दें | BTIs बैक्टीरिया की एसी प्रजाति है जो लार्वासाइड की तरह काम करता है और यह एक महीने जितने समय तक मच्छर के लार्वा को मारता रहता है इसके अतिरिक्त यह बच्चो और पालतू जानवरों के लिए सिरक्षित होता है और विषेला नहीं होता है |
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Tuesday, August 16, 2016

रक्षा बंधन का महत्व और विशेष क्या है ?

रक्षा बंधन का महत्व और विशेष :

          रक्षा बंधन के पर्व श्रवन मॉस की पूर्णिमा को मनाया जाता है | यह पर्व भाई-बहन के रिश्तों की अटूट डोर का प्रतिक है | यह एक भारतीय परम्पराओं का ऐसा पर्व है | यह केवल भाई बहन के स्नेह के साथ हर सामाजिक संबंध को मजबूत करता है | इस लिए यह पर्व भाई-बहन को आपस में जोड़ने के साथ साथ सांस्कृतिक सामाजिक महत्व रखता है | रक्षा बंधन के महत्व को समझने के लिए सबसे पहले इसके अर्थ को समझाना होगा रक्षाबंधन का महत्व रक्षा+बंधन दो शब्दों से मिलकर बना है | इस दिन भाई अपनी बहन को उसकी दायित्वों का वचन अपने ऊपर लेते है | आज के परिपेक्ष्य में राखी केवल बहन का रिश्ता स्वीकारना नहीं है | अपितु राखी का अर्थ है जो यह श्रधा या विश्वास का धागा बांधता है | वह राखी बंधवाने वाले व्यक्ति के दायित्वों को स्वीकार करता है | उस रिश्ते को पूरी निष्ठा से निभाने की कोशिश करता है |


         रक्षा बंधन का पर्व विशेष रूप से भावनाओं और संवेदनाओ का पर्व है | एक ऐसा बंधन जो दो जनों के स्नेह की धागे से बांध ले | रक्षा बंधन को भाई बहन तक ही सिमित रखना सही नहीं होगा बल्कि ऐसा कोई भी बंधन जो किसी को भी बांध सकता है | भाई-बहन के रिश्ते की सीमाओ से आगे बढ़ते हुए यह बंधन आज गुरु का शिष्य को राखी बांधना एक भाई का दुसरे भाई को बहनों का आपस में राखी बांधना और दो मित्रों का एक -दुसरे को राखी बांधना, माता-पिता का संतान को राखी बांधना हो सकता है | आज के सिमित परिवारों में कई बार घर में केवल दो बहेन या दो भाई ही होते है इस स्थिति में रक्षा बंधन के त्यौहार पर मासूस होते है | यह रक्षा बंधन का पर्व किस प्रकार मनायेंगे | उन्हें कौन राखी बांधेगा या फिर वे किसे राखी बांधेगी इस प्रकार की स्थिति सामान्य रूप से हमारे आसपास देखि जा सकती है | ऐसा नहीं है की केवल भाई बहन के रिश्तों को ही मजबूती या राखी की आवश्यकता होती है | जबकि बहन का बहन को और भाई का भाई को राखी बांधना एक दुसरे के करीब लाता है | आधुनिक युग में समय की कमी ने रिश्तों में एक अलग तरह की दुरी बना दी है | जिसमे एक दुसरे के लिए समय नहीं होता इसके कारण परिवार के सदस्य भी आपस में बातचीत नहीं कर पाते है | गलतफहमियों को स्थान मिलता है | अगर इस दिन बहन-बहन और भाई-भाई को राखी बांधता है तो इस प्रकार की समस्याओं से निपटा जा सकता है | यह पर्व सांप्रदायिकता और वर्ग-जाती की दीवार को गिराने में भी मुख्य भूमिका निभा सकता है | राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे,तथा सोने या चाँदी जैसी महँगी वस्तु तक की ही सकती है | राखी सामान्यत: बहेनें भाई को ही बाँधती है परन्तु ब्राहमणों गुरुओं और परिवार में छोटी लड़कियों जैसे पुत्री द्वारा पिता को भी बाँधी जाती है | कभी-कभी सार्वजनिक रूप से किसी नेता या प्रतिष्ठत व्यक्ति को भी राखी बाँधी जाती है |

एक रक्षाबंधन की यहाँ कथा है :-
        रक्षाबंधन कब प्रारंभ हुवा इसके विषय में कोई निच्शित कथा नहीं है लेकिन जैसा की भविष्य पूरण में लिखा है की उसके सबसे पहले इन्द्र की पत्नी ने देवराज इन्द्र को देवासुर संग्राम में असुरों पर विजय पाने के लिए मंत्र से सिद्र करके रक्षा सूत्र बंधा था | इससे सूत्र की शक्ति से देवराज युद्ध में विजय हुवा | शिशुपाल के वध के समय भगवान कृष्ण की उंगली कट गई थी तब द्रोपदी ने अपनी साडी का आंचल फाड़कर कृष्ण की उंगली पर बांध दिया | इस दिन सावन पूर्णिमा की तिथि थी | भगवान श्रीकृष्ण ने द्रोपदी को वचन दिया की समय आने पर वह आंचल के एक-एक सूत का कर्ज उतरेंगे | द्रोपदी के चीरहरण के समय श्रीकृष्ण ने इसी वचन को निभाया | आधुनिक समय में राजपूत रानी कर्मावती की कहानी काफी प्रचलित है | राजपूत रानी ने राज्य की रक्षा के लिए मुग़ल शासक हुमायूं को राखी भेजी | हुमायूं ने राजपूत रानी को बहन मानकर राखी की लाज राखी और उनके राज्य की शत्रु से बचाया था | 

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Friday, August 12, 2016

स्वतंत्र 15 अगस्त क्यों मनाते है ?

स्वतंत्र का दिवस :

           15 अगस्त का हमारे देश में रास्ट्रीय महत्व है | भारत का स्वतंत्रता दिवस हर वर्ष 15 अगस्त को मनाया जाता है | सन 1947 में इसी दिन भारत के निवासियों ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी | हर साल 15 अगस्त के दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीन से देश को संम्बोधित करते है | 15 अगस्त 1947 के दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने दिल्ली में लाल किले के लाहौर गेट के ऊपर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था |


          महात्मा गाँधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्र संग्राम में लोगों ने काफी हद तक अहिंसक प्रतिरोध और सविनय अवज्ञा आंदोलनों में हिस्सा लिया | स्वतंत्र के बाद ब्रिटिश भारत को धार्मिक आधार पर विभाजित किया गया जिसमें भारत और पाकिस्तान का उदय हवा | विभाजन के बाद दोनों देशों में हिंसक दंगे भड़क गए और सांप्रदायिक हिंसा की वजह से लगभग 15 लाख लोग ने एक से दुसरे देश को विस्थापित हुये | इस दिन को झंडा फहराने के समारोह पर परेड और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ पुरे भारत में मनाया जाता है | भारतीय इस दिन अपनी पोशाक, सामान, घरों और वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित कर इस उत्सव को मनाते हैं और व दोस्तों के साथ देशभक्ति फ़िल्में देखते है | इस दिन देशभक्ति के गीत सुनते हैं | 17 वीं सदी से ही यूरोपीय व्यापारियों ने भारतीय उपमहाद्वीप में पैर जमाना आरम्भ कर दिया था | अपनी सैन्य शक्ति में बढ़ोतरी करते हुये ईस्ट इण्डिया कंपनी ने 18 वीं सदी के अन्त तक स्थानीय राज्यों को अपने वशीभूत करके अपने आप को स्थापित कर लिया था | 1857 का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद भारत सरकार अधिनियम 1858 के अनुसार भारत पर सीधा अधिपत्य ब्रिटानी ताज का हो गया | दशकों बाद नागरिक समाज ने धीरे-धीरे अपना विकास किया और इसके परिणामस्वरूप 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का निर्माण हुवा | प्रथम विश्व युद्ध  इसके परिणामस्वरूप मोहनदास करमचन्द गांधी के नेतृत्व में असहयोग और सविनय अवज्ञा आंदोपनों तथा राष्ट्रव्यापी अहिंसक आंदोलनों की शरुआत हो गयी | 1930 के दशक के दौरान ब्रिटानी कानूनों में धीरे-धीरे सुधार जारी रहे परिणामी चुनावों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की | द्वितीय विश्व युद्ध में भारत की सहभागिता कांग्रेस द्वारा असहयोग का अंतिम फैसला और अखिल भारतीय मुस्लिम लीग द्वारा मुस्लिम राष्ट्रवाद का उदय 1947 में स्वतंत्रता के समय तक राजनितिक तनाव बढ़ता गया | आनन्दोत्सव उपमहाद्वीप के भारत और पाकिस्तान के खूनी विभाजन के रूप में अन्त हुवा |
          भारत की स्वतंत्रता में लाखो मुस्लिम, सिख और हिन्दू शरणार्थियों ने स्वतंत्रता के बाद तैयार नयी सीमाओ को पैदल पार कर सफ़र तय किया | महात्मा गांधी की उपस्थिति ने सांप्रदायिक हिंसा को कम किया | नई सीमाओं के दोनों और 2 लाख 50 हजार से 10 लाख लोग हिंसा में मारे गए | पूरा देश स्वतंत्रता दिवस मना रहा था | गाँधी जी नरसंहार को रोकने की कोशिश में कलकत्ता में रुक गए पर 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस घोषित हुवा और पाकिस्तान नया देश अस्तित्व में आया मुहम्मद अली जिन्ना ने कराची में पहले गवर्नर के रूप में शपथ ली | भारत की संविधान सभा ने नई दिल्ली में संविधान होल में 14 अगस्त को 11.00 बजे अपने पांचवें सत्र की बैठक की सत्र की अध्यक्षता राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने की | इस सत्र में जवाहर लाल नेहरु ने भारत की आजादी की घोषणा करते हुए ट्रिस्ट विद डेस्टिनी नामक भाषण दिया | सभा के सदस्यों ने ओपचारिक रूप से देश की सेवा करने की शपथ ली | महिलाओं के एक समूह ने भारत की महिलाओं का प्रतिनिधित्व किया व ओपचारिक रूप से विधानसभा को राष्ट्रीय ध्वज भेंट किया | अधिकारिक समारोह नई दिल्ली में हुए जिसके बाद भारत एक स्वतंत्र देश बन गया | नेहरु ने प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में पद ग्रहण किया है और वायसराय लोर्ड माउंटबेटन ने पहले गवर्नर जनरल के रूप में अपना पदभार संभाला | महात्मा गाँधी के नाम के साथ लोगों ने इस अवसर को मनाया | गाँधी ने हालांकि खुद आधिकारिक घटनाओं में कोई हिस्सा नहीं लिया | इससे बजाय, उन्होंने हिंदू, और मुसलमाननों  के बिच शांति को प्रोत्साहित करने के लिए कलकत्ता में एक भीड़ से बात की उस दौरान ये 24 घंटे उपवास पर रहे | 15 अगस्त 1947 को सुबह 11.00 बजे संघटक सभा ने भारत की स्वतंत्रता का समारोह आरंभ किया, जिसमे अधिकारों का हस्तांतरण किया गया | जैसे ही मध्यरात्रि की घडी आई भारत ने अपनी स्वतंत्रता हासिल की और एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया |
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Tuesday, August 9, 2016

तन-मन की उर्जा कैसे बढती है !

तन-मन की उर्जा :

       जीवन में सेहत एवं व्यवहार विशेषज्ञों ने तन-मन को रिलेक्स प्रफुलित रखने और प्रतिरोधात्मक क्षमता सुधारने के कुछ बेहद आसान तरीके बताए हैं | इसके लिए आपको किसी प्रकार की दवाइयां खाने की जरुरत नहीं है | जीवन में बस शैली सामान्य परिवर्तन करना ही पर्याप्त होता हैं |




मित्रों से आत्मीयता बढाएं और प्रकृति के पास जाना चाहिएं :-
        अगर आप बात-बात पर बहस शुरू करने लगते हैं तो व्यर्थ ही उर्जा बर्बाद करने के कारण आपका मन और तन दोनों थक जाता है | जर्नल ऑफ़ एपिडेमियोलौजी एंड कम्युनिटी हैल्थ में प्रकाशित शोध में तो यहाँ तक लिखा है की बात-बात पर अपने इर्द-गिर्द मौजूद लोगों से बकबक करने वालों की आशंका बढ़ जाती है | इसका कारण है- स्ट्रेस लेवल बढ़ना और सेहत पर निगेटिव इफेक्ट पड़ना |

1. मनोवैज्ञानिक कहते हैं की जिन लीगों के बहुत कम मित्र होते हैं या जो मित्रों के प्रति आत्मीयता नहीं रखते हैं | वह ज्यादा बीमार पड़ते है और प्राय: एंग्जायटी से त्रस्त रहते हैं | जबकि मित्रों से आत्मीय संबंध रखने वाले उनके साथ अपनी समस्याएं और चिंताएं शेयर करके काफी हद तक रिलेक्श महसूस कर लेते हैं | किसी से कह लेने पर मन का बोझ हल्का हो जाता है |

2. समय-समय पर प्रकृति की गोद में विचरण करना और उसकी खूबसूरती में गोते लगाना तन और मन को एक नई ऊर्जा से सराबोर कर देता है | साथ ही इससे शरीर का इम्युनिटी सिस्टम भी इम्प्रूव होता है | ज्यादा दूर जाना संभव ना भी हो तो अपने मोहल्ले के पार्क या अपने पिछवाड़े बने बगीचे की हरियाली को ही निहार लेनी चाहिएं | इससे स्ट्रेस से मुक्ति मिल जाती हैं |

अन्य अनुभव और उपाय 

  • मालिश या मसाज करने से बैक्टरिया और वायरस से लड़ने वाली श्वेत रक्त कणिकाओं की संख्या जरुरत होती है | साथ ही मालिश से एलर्जी अस्थमा और इनफ्लेमेशेनकारक तत्व भी घट जाता हैं | 
  • मसाज से स्ट्रेस लेवल बढ़ाने वाले हार्मोन का उत्पादन भी घटता हैं | नियमित व्यायाम करने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है | 
  • हंसने की आदत डालें-हंसी तन-मन का टोनिक है | प्रयाप्त म,मात्रा में नींद लें इससे तन और मन को ना सिर्फ आराम है बल्कि जरुरी उर्जा भी मिलती है | 
  • जीवन साथी के साथ प्रेम सम्बन्ध बनाने एवं स्वस्थ सेक्स सम्बन्ध रखने से अच्छे रसायनों का उत्सर्जन होता है एवं फिल गुड हार्मोन का उत्पादन होता है |
मनोविज्ञानी कहते हैं की अच्छे अनुभवों को याद करके डायरी में लिखना सेहत पर सकारात्मक असर डालता है | अनुभवों को रोज लोगों के साथ शेयर करने वाले लम्बे समय तक खुश रहते हैं |
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Friday, August 5, 2016

जीवन में अच्छी आदतों और बुरी आदतों में कैसे सफलता पा सकते है |

अच्छी आदतों और बुरी आदतों :

          जीवन में हर व्यक्ति आगे बढ़ना चाहता है | इसके लिए कुछ लोग कड़ी मेहनत करते है | कड़ी मेहनत करने वाले व्यक्ति को चाहे शुरुआत में मंजिल नजर न आता है | पर वह आखिर में सफल होकर ही दम लेता है |वहीँ शोर्टकट तलाशने वाला व्यक्ति शुरू में चाहे कितना ही हाथ लगाती है | कई बार यह भी देखा गया है की कड़ी मेहनत करने के बावजूत भी व्यक्ति लक्ष्य तक नहीं पहुँच पाता है | इसका कारण है की व्यक्ति कुछ चीजों और आदतों से चिपका रहता है और उन्हें कभी भी नहीं छोड़ पाता है | सफलता के लिए पता होना चाहिए की किन चीजों और आदतों से बचकर रहना है और क्या-क्या काम नहीं करना है | यह टू डू लिस्ट से उल्टी चीज है | गैरजरूरी कामों से बचकर जीवन में महत्वपूर्ण काम कर सकते हैं |


कमजोरियों पर काबू और लक्ष्य से न भटके :
        अगर आप अपनी कमजोरियों को काबू में कर पाते है तो फिर आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है | कमजोरियों पर जित हासिल करने के बाद सफलता तो अपने आप मिलने लग जाती है | आपको कोशिश करनी चाहिए की गैरउत्पादक कार्यों को किसी और शौंप दें और खुद जरुरी कामों पर ध्यान लगाना चाहिएं | आप ऑफिस खुद कार ड्राइवर रख सकते हैं और बैक सीट पर बैठकर कुछ जरुरी काम निपटा सकते हैं |
        आप ऑफिस में काम करते है और कलिग से किसी विवादास्पंद विषय पर चर्चा  छेड दी | ऐसे में आप घंटों वाद-विवाद में जाया कर देते है | बाद में अहसास होता है | की इस समय को बचाया जा सकता है | ऐसा ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के साथ होता है | वे सुबह का नाश्ता करने जाते है और दोस्तों के साथ गपशप में मशगुल हो जाते हैं | इसके अलावा मोबाईल फोन टेलीविजन और कई दूसरी ऐसी चीजें हैं जिनके कारण आपका बहुत सा वक्त बर्बाद होता है और आप लक्ष्य से भटक जाते है |

पुरे दिन की लिस्ट बनायें -

       आपको दिनभर के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए टू डू लिस्ट के साथ डोंट डू लिस्ट भी तैयार करनी चाहिए | जिनके कारण आप अपने लक्ष्य से भटक सकते है | इससे आपको हमेशा याद रहेगा की मुझे यह काम नहीं करना है | इस लिस्ट को आप दिनभर के कामों के हिसाब से भी तैयार कर सकते है | दिनभर के कामों में से गैरजरूरी कामों को आप रोक सकते हैं | अगर आपके पास लिस्ट रहती है तो आप याद रख पाएंगे की कौन - कौनसी चीजें आपको आगे बढ़ने से रोकती हैं | इससे आपको लाभ होगा |

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