खुजली और खाज :
छोटी-छोटी शरीर में पीपदार फुंसियाँ हो जाती है, इनमे खुजली होती है और खुजाने पर फैल जाती है लाल पड़ जाता है | सुखी खुजली में खुजलाहट होती है पर पीप नहीं निकलती है इसे सुखी खाज कहते हैं | खुजाने से त्वचा सफ़ेद और रुखी हो जाती है | दूसरे प्रकार की खुजली में दाने से निकलते हैं त्वचा लाल पड़ जाती है उससे निकलने वाले पानी या पिप से दुसरो को भी खाज का रोग हो जाता है ।
छोटी-छोटी शरीर में पीपदार फुंसियाँ हो जाती है, इनमे खुजली होती है और खुजाने पर फैल जाती है लाल पड़ जाता है | सुखी खुजली में खुजलाहट होती है पर पीप नहीं निकलती है इसे सुखी खाज कहते हैं | खुजाने से त्वचा सफ़ेद और रुखी हो जाती है | दूसरे प्रकार की खुजली में दाने से निकलते हैं त्वचा लाल पड़ जाती है उससे निकलने वाले पानी या पिप से दुसरो को भी खाज का रोग हो जाता है ।
खुजली कई कारणों से हो सकती है । सामान्यत साफ सफाई न रखने गंदगी या गंदे वातावरण में रहने पेट में कब्ज रहने पेट में कृमि होने ज्यादा पसीना आने टी तथा चुस्त कपडे पहने से खुजली हो सकती है । यह छुत का रोग है जो घर में एक व्यक्ति के होने पर घर के सभी सदस्यों में फ़ैल जाता है ।
खाज वाले रोगी के कपडे अलग रखें, उन्हें गरम पानी में कुछ देर रखकर साबुन से भली प्रकार धोएँ और धुप में सुखाएं |
खाज वाले रोगी के कपडे अलग रखें, उन्हें गरम पानी में कुछ देर रखकर साबुन से भली प्रकार धोएँ और धुप में सुखाएं |
- खुजली से पीड़ित व्यक्ति की शैया पर दुसरे लोग न बैठे और न शयन करें |
- देर तक न भीगे कपडे पहनकर न रहें, इससे त्वचा पर दाने उठ जाते हैं और फिर खुजलाहट होने लगती है
- खाज के रोगी के कपडे, तोलिया,टोपी दस्ताने आदि स्वस्थ व्यक्ति इस्तेमाल न करें |
- तेज धुप में न चले, सूती कपडे पहने, क्योकि कुछ लोगों को धुप से एलर्जी होती है, परिणामस्वरूप चींटी सी काटने पर खुजलाहट होने लगती है |
- रोगी खुजाते समय नाख़ून से न खुजाएँ और पीप इधर उधर न पिंछे, बल्कि साफ रुमाल से धीरे-धीरे सहलाएँ |
घरपे कैसे इलाज करना
* सेंधा नमक, कपूर, सरसों और पिप्पली को कांजी में महीन पीसकर खुजली वाले स्थान पर लेप करें, फिर घंटे भर बाद स्नान कर लें |
* सुखी खुजली में धतूरे के बीज सरसों या नारियल के तेल में पकाएँ | दिन में स्नान से एक घंटा पूर्व तथा रात्री में शयन से पूर्व गरदन के नीचे से इस तेल की मालिश करें | नीम या डिटोल साबुन से अच्छी तरह मसलकर धोएँ और साफ कपडे पहनें |
* एक भगोने में नीम की पत्तियाँ खूब खोलाकर ठंडा होने पर उस पानी से खुजली वाले स्थान को रगड़कर धोएँ, बाद में नारियल का तेल लगाकर हलके हाथ से मालिस करें |
* जीरा तथा सिंदूर को बारीक़ पीसकर कड़वे तेल (सरसों का तेल ) में पकाकर उसे खाज पर लगाएँ |
* रक्त विकार से होने वाली खुजली के लिए खाली पेट नीम के पत्तों या कलियों का आधा या एक कप रस में कालीमिर्च पाउडर डालकर एक सप्ताह सेवन करें, इससे खुजली मिट जाएगी और त्वचा में निखार आएगा |
* सरसों या तिल के तेल में लहसुन की कलियाँ छीलकर खूब पकाएँ | इन कलियों को तेल में मसलकर तेल छान लें | अब इस तेल से शरीर की मालिश करें |
* एक भगोने में नीम की पत्तियाँ खूब खोलाकर ठंडा होने पर उस पानी से खुजली वाले स्थान को रगड़कर धोएँ, बाद में नारियल का तेल लगाकर हलके हाथ से मालिस करें |
* जीरा तथा सिंदूर को बारीक़ पीसकर कड़वे तेल (सरसों का तेल ) में पकाकर उसे खाज पर लगाएँ |
* रक्त विकार से होने वाली खुजली के लिए खाली पेट नीम के पत्तों या कलियों का आधा या एक कप रस में कालीमिर्च पाउडर डालकर एक सप्ताह सेवन करें, इससे खुजली मिट जाएगी और त्वचा में निखार आएगा |
* सरसों या तिल के तेल में लहसुन की कलियाँ छीलकर खूब पकाएँ | इन कलियों को तेल में मसलकर तेल छान लें | अब इस तेल से शरीर की मालिश करें |