Thursday, August 13, 2015

कान का रोग : सावधानियाँ

कान के दर्द कैसे होता है :

                   कान का दर्द होना आम बात है | अह कई कारणों से होता है | चोट लगने पे या कण में फुंसी होने पर कान  में असहनीय पीड़ा होता है | और कुस भी अच्छा नहीं लगता | न लेटने पर चैन आता और न बैठने पर |कान में कुपित वायु प्रवेस कर कान दर्द का कारण बन जाती है |



          सावधान : कान  में दर्द या खुजली होने पर इसमें पेंसिल या तीली आदि भूलकर भी न डालें | कान की  वैक्स या धूल - मिट्टी निकालनी हो तो रुई लगी सलाई उपयोग में लाएँ | कान में पानी कदापि न भरें |
     
        उपचार (इलाज ) :
१) बच्चों या बड़ों के कान में दर्द हो तो प्याज के रस को सरसों के तेल में पकाकर ठंडा होने पर कान में दो बूंद डालकर रूई लगा दें, दर्द में आराम मिलेगा |
२) कान में अगर फुंसी हो तो लहसुन की कलियाँ छीलकर उन्हें सरसों के तेल में खूब पकाएँ | इस तेल को शीशी में भरकर रख लें और सुबह-शाम दो-दो बूंद कान में डालें | इससे कान दर्द में बड़ा आराम मिलता है |
३) प्रसूता माँ का दूध कच्चे के कान में डालें | इससे बच्चों के कान का दर्द दूर होता है  |
४) नीम की निबोली या पत्तों का रस सरसों के तेल में पकाकर रख लें | बच्चों-बूढ़े किसी के कान दर्द होने पर दो-दो बूंद कान में डालें |
५) फुंसी होने पर नीम या बकायन का तेल गुनगुना करके कान में डाल सकते है | इससे फुंसी का घाव जल्दी भरता है और दर्द में आराम मिलता हैं |
६) आवश्यक समजें तो कोई भी आयुर्वेदिक ईयर-ड्राप कान में डाल सकते हैं | बच्चों के मामले में विशेष सावधानी बरतें |
७) तुलसी दल मसलकर रस निकाल लें | कान दर्द की शिकायत होने पर दो बूंद कान में डालें,तुरंत आराम मिलेगा |
८) सफेद प्याज का रस गुनगुना करके कान में डालने से दर्द में आराम मिलता है, अगर घाव या फुंसी है तो घाव भी भर जाता है |
९) जिनको लगातार नजला या जुकाम रहता है, उन्हें कान दर्द की शिकायत आम बात है, अत: जुकाम होने पर इसका तुरंत इलाज करें |

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