Saturday, December 24, 2016

क्रिसमस 25 दिसंबर को क्यों मनाते हैं ?

क्रिसमस :

         क्रिसमस का त्योहार प्रतिवर्ष अंग्रेजी महीने के अनुसार दिसंबर की 25 तारीख को मनाया जाता है | प्रभु ईसा मसीह का जन्म इसी सुभ तिथि में हुआ था | ईसा मसीह ऊँच- नीच के भेदभाव को नहीं मनाते थे | अत: क्रिसमस का पावन पर्व भी किसी एक का नहीं अपितु उन सभी का है जो उनके समर्थक हैं तथा उन पर आस्था रखते हैं | हालांकि क्रिसमस को ईसा मसीह के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है लेकिन ईसाई विद्वान इस बात पर लगभग एकमत हैं की ईसा के जन्म का वास्तविक दिन यह नहीं है | प्रभु यीशु के जन्मदिन के मौके पर आज भारत समेत पूरी दुनिया में क्रिसमस पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है |


         इस त्योहार पर क्रिसमस-ट्री सजाने का विशेष महत्व है | यूरोपीय देशों में तो इसकी सजावट व भव्यता देखते ही बनती है | भारत में भी इसके महत्व को अब विस्तृत रूप से देखा जा सकता है | परिवार के सभी सदस्य इस दिन क्रिसमस ट्री के चारों और एकत्रित होते हैं | सभी मिलकर प्रभु ईसा समीह का स्तुतिगान तथा प्रार्थना करते है | 24 दिसंबर की रात से ही नवयुवकों की टोली जिन्हें कैरल्स कहा जाता है यीशु मसीह के जन्म संबंधी गीतों को प्रत्येक मसीही के घर में जाकर गाते हैं | इसी रात को गिरिजाघरों में प्रभु यीशु के जन्म से संबंधित झांकियां भी सजाई जाती है | इस अवसर पर ईसाई धर्मावलंबी बड़ी संख्या में गिरजाघरों में एकत्रित होकर एक-दुसरे को प्रभु के जन्म की बधाई देते हैं | रात में से ही हैप्पी क्रिसमस-मेरी क्रिसमस से बधाइयों का सिलसिला जारी है | देश के सभी शहरों में लोगों ने क्रिसमस ट्री सजाया जाता है और सांता दूसरों को उपहार देकर जीवन में देने का सुख हासिल करने का संदेश दे रहे हैं | इस अवसर पर ईसाई अपने घरों को बहुत ही आकर्षक ढंग से सजाते है और विभिन्न प्रकार के पकवान बनाकर पड़ोसियों को भेंट करते हैं तथा खुद भी खाते हैं | बच्चों के लिए शंताक्लाज कोई न कोई उपहार अवश्य लाता है क्योंकि ईसा मसीह स्वयं बच्चों से बहुत स्नेह रखते थे | क्रिसमस ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है | ईसाई समुदाय के लिए इस त्योहार का वही महत्व है जो हिंदुओं के लिए दशरह तथा दीपावली का है | यह त्योहार विश्वभर में फैले ईसा मसीह के करोड़ों अनुयायियों के लिए पवित्रता का संदेश लाता है तथा उनके बताए हुए मार्गो व उच्च आदर्शो पर चलने हेतु प्रेरित करता है |

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क्रिसमस का त्योहार भारत में सभी समुदायों आनंद उठाने लगे है जिससे सामाजिक सदभाव की अभिवृदधि होती है | सभी समुदायों के लोग एक-दुसरे को क्रिसमस की सुभकामनाएँ देते हैं | ईसा मसीह को परमेश्वर का दूत माना जाता है | वे संसार के दिन-दुनियों का दु:ख दूर करने तथा ईश्वर के वास्तविक स्वरुप को दूसरों के समक्ष प्रकट करने हेतु अवतरित हुए थे | प्रारंभ में उन्हें अनेक कठिनाइयाँ आई परंतु बाद में धीरे-धीरे उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ने लगी | उन्हेंने अपने उपदेशों के माध्यम से संसार में व्याप्त अंधविश्वास, अज्ञानता, दुःख आदि को दूर करने का प्रयास किया | यह त्योहार सभी हदयों को पवित्रता के भाव से ओत-प्रोत करता है और हमें प्रेरित करता है कि अनेक कठिनाइयों का सामना करने पर भी हमें सन्मार्ग का त्याग नहीं करना चाहिए तथा दुसरों को भी पवित्रता का मार्ग प्रशस्त करने के लिए यथासंभव सहयोग करना चाहिए |

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Sunday, December 18, 2016

सौ वे आर्टिकल की जानकारी कैसी है ?

 सौ वे आर्टिकल  :

      सभी मित्र को बताते हुए हेल्थ के बारे में 100 वे आर्टिकल जंगलटिप्स ब्लोग में लिखा हुवा है |यह आर्टिकल की अधिक जानकारी निचे दिया हुवा है ।





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Saturday, December 10, 2016

ठंड में बुजुर्गो और नवजात शिशु को देखभाल कैसे करे !

बुजुर्गो और नवजात शिशु :

          सर्दिया शुरू हो गई हैं मौसम के बदलने का सबसे ज्यादा छोटे बच्चों पर असर पड़ता है | सर्दी जुकाम और गले में इंफेक्शन छोटे बच्चों को ये परेशानियां सबसे ज्यादा होती है | और कई बार तो हल्का बुखार बढ़कर निमोनिया का रूप ले लेता है | ऐसे में सावधानी बरतना बेहद जरुरी होता है | मौसम में हर उम्र के लोगों को देखभाल की आवश्यकता होती है लेकिन बच्चों और बुजुर्गो को ऐसे मौसम में खास देखभाल की आवश्यकता होती है | क्योंकि उनकी प्रतिरोधी क्षमता कमजोर होती है | ऐसे में सबसे ज्यादा डर उच्च रक्तचाप या ब्लड प्रेशर के मरीजों को रहता है | आइये जानें अधिक उम्र या नवजात शिशु का ख्याल कैसे रखनी चाहिए |


          यह बात हम सभी जानते है की दुनिया में सबसे अनमोल रिश्ता माँ और शिशु का होता है | यह रिश्ता प्रेम और स्नेह का प्रतिक होता है | और ऐसा हो भी क्यों ना 9 महिना तक कोख में पालने और असहनीय प्रसव पीड़ा सहने के बाद माँ के गोद में बच्चे की किलकारियां गूंजती है | इससे ना केवल माँ की बल्कि पुरे परिवार की ख़ुशी दोगुनी हो जाती है | जब भी कोई स्त्री पहली बार माँ बनती है तो खुशियों के साथ साथ उसके सामने कई तरह की चुनौती भी होती है | पहली बार शिशु को जन्म देने वाली माताओं को यह पता नहीं होता की उन्हें अपने बच्चे की देखभाल कैसे करनी है | क्योंकि यह उसके लिए बिलकुल नया अनुभव होता है | बच्चों की देखभाल को लेकर नयी माँ के दिमाग में कई प्रकार की शंकाएं या सवाल उत्सुकता होती है | मौसम बदलने का सीधा असर उन पर पड़ता है उनमे से बुजुर्ग तो अपनी तकलीफ बता व समझा कर निदान कर सकते है पर छोटे बच्चे के लिए यह बिलकुल मुश्किल है | ऐसे में छोटे बच्चों की ठंड में बेहतर देखभाल की जरुरत होती है | विशेषज्ञ बताते हैं की अचानक मौसम परिवर्तन का असर सभी पर होता और इससे छोटे बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते है | सर्दी जुकाम और गले में इन्फेक्शन के अलावा छोटे बच्चों को परेशानियाँ सबसे ज्यादा होती है |

नवजात बच्चों की देखभाल कैसे करे-

          नवजात शिशु के लिए उसकी माँ का दूध ही सर्वोत्तम होता है | इसलिए माँ को बच्चे को तब तक दूध पिलाना चाहिए जब तक बच्चा पूरी तरह से संतुष्ट न हो जाए | बच्चे को उठाते समय एक हाथ को सर और गर्दन के निचे और दूसरे हाथ को पैर के निचे रखें | बच्चे के सिर और गर्दन को इस तरह पकडे की इन्हें पूरा सपोर्ट मिले | नवजात को हमेशा नर्म और गर्म कपडे में लपेटकर रखना चाहिए | इससे आपका बच्चा काफी सुरक्षित महसूस करता है | बच्चे को वातावरण के बदलाव का ज्यादा असर ना पड़े इसके लिए 0-2 महिना तक शिशु को जरुर लपेटकर रखनी चाहिए | बच्चों की मालिश करने से उनका शारीरिक विकाश होता है | लेकिन बच्चे की मालिश सावधानीपूर्ण की जानी चाहिए | मालिश के लिए जैतून, बादाम या बेबी ऑइल इस्तेमाल कर सकते है | लेकिन मालिश को हमेशा हलके हाथो से करनी चाहिए |

  • बाहर ज्यादा ठंड होने पर बच्चों को इनडोर गेम्स खेलने को प्रेरित करनी चाहिए | बच्चों में ज्यादा दिन तक रहने वाला सर्दी जुकाम निमोनिया भी हो सकता है | शिशु के सर व पैर हमेशा ढक कर रखना चाहिए 
  • नवजात शिशु की रोग प्रतिरोधी क्षमता बनाये रखने के लिए उसे स्तनपान कराना चाहिए | अपने शिशु का टीकाकरण समय पर करायें जिससे वो कई संक्रामक बिमारियों के खतरे से दूर रहे | 
  • अपने चिकित्सक से समय-समय पर मिलते रहे | समय-समय पर ब्लड प्रेशर नापते रहें और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखे | सर्दियों में ब्लड प्रेशर बढ़ने का एक कारण होता है रक्त वाहिकाओं का संकुचित हो जाना जिससे हदय पर दबाव पड़ता है |
  • सरदर्द, घबराहट, आँखों में भारीपन महसूस होने पर चिकित्सक से मिले | खाने में तेल, घी कम से कम खाये और रोज व्यायाम करना चाहिए |
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गर्मी के बाद बारिश का शरीर को क्या लाभ मिलती है |

 बारिश के लाभ :           गर्मी के बाद बारिश बहुत ही सुकून देती है | बारिश का इंतज़ार हर किसी को रहता है | बारिश के पानी का लाभ सभी को ...