Saturday, December 10, 2016

ठंड में बुजुर्गो और नवजात शिशु को देखभाल कैसे करे !

बुजुर्गो और नवजात शिशु :

          सर्दिया शुरू हो गई हैं मौसम के बदलने का सबसे ज्यादा छोटे बच्चों पर असर पड़ता है | सर्दी जुकाम और गले में इंफेक्शन छोटे बच्चों को ये परेशानियां सबसे ज्यादा होती है | और कई बार तो हल्का बुखार बढ़कर निमोनिया का रूप ले लेता है | ऐसे में सावधानी बरतना बेहद जरुरी होता है | मौसम में हर उम्र के लोगों को देखभाल की आवश्यकता होती है लेकिन बच्चों और बुजुर्गो को ऐसे मौसम में खास देखभाल की आवश्यकता होती है | क्योंकि उनकी प्रतिरोधी क्षमता कमजोर होती है | ऐसे में सबसे ज्यादा डर उच्च रक्तचाप या ब्लड प्रेशर के मरीजों को रहता है | आइये जानें अधिक उम्र या नवजात शिशु का ख्याल कैसे रखनी चाहिए |


          यह बात हम सभी जानते है की दुनिया में सबसे अनमोल रिश्ता माँ और शिशु का होता है | यह रिश्ता प्रेम और स्नेह का प्रतिक होता है | और ऐसा हो भी क्यों ना 9 महिना तक कोख में पालने और असहनीय प्रसव पीड़ा सहने के बाद माँ के गोद में बच्चे की किलकारियां गूंजती है | इससे ना केवल माँ की बल्कि पुरे परिवार की ख़ुशी दोगुनी हो जाती है | जब भी कोई स्त्री पहली बार माँ बनती है तो खुशियों के साथ साथ उसके सामने कई तरह की चुनौती भी होती है | पहली बार शिशु को जन्म देने वाली माताओं को यह पता नहीं होता की उन्हें अपने बच्चे की देखभाल कैसे करनी है | क्योंकि यह उसके लिए बिलकुल नया अनुभव होता है | बच्चों की देखभाल को लेकर नयी माँ के दिमाग में कई प्रकार की शंकाएं या सवाल उत्सुकता होती है | मौसम बदलने का सीधा असर उन पर पड़ता है उनमे से बुजुर्ग तो अपनी तकलीफ बता व समझा कर निदान कर सकते है पर छोटे बच्चे के लिए यह बिलकुल मुश्किल है | ऐसे में छोटे बच्चों की ठंड में बेहतर देखभाल की जरुरत होती है | विशेषज्ञ बताते हैं की अचानक मौसम परिवर्तन का असर सभी पर होता और इससे छोटे बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते है | सर्दी जुकाम और गले में इन्फेक्शन के अलावा छोटे बच्चों को परेशानियाँ सबसे ज्यादा होती है |

नवजात बच्चों की देखभाल कैसे करे-

          नवजात शिशु के लिए उसकी माँ का दूध ही सर्वोत्तम होता है | इसलिए माँ को बच्चे को तब तक दूध पिलाना चाहिए जब तक बच्चा पूरी तरह से संतुष्ट न हो जाए | बच्चे को उठाते समय एक हाथ को सर और गर्दन के निचे और दूसरे हाथ को पैर के निचे रखें | बच्चे के सिर और गर्दन को इस तरह पकडे की इन्हें पूरा सपोर्ट मिले | नवजात को हमेशा नर्म और गर्म कपडे में लपेटकर रखना चाहिए | इससे आपका बच्चा काफी सुरक्षित महसूस करता है | बच्चे को वातावरण के बदलाव का ज्यादा असर ना पड़े इसके लिए 0-2 महिना तक शिशु को जरुर लपेटकर रखनी चाहिए | बच्चों की मालिश करने से उनका शारीरिक विकाश होता है | लेकिन बच्चे की मालिश सावधानीपूर्ण की जानी चाहिए | मालिश के लिए जैतून, बादाम या बेबी ऑइल इस्तेमाल कर सकते है | लेकिन मालिश को हमेशा हलके हाथो से करनी चाहिए |

  • बाहर ज्यादा ठंड होने पर बच्चों को इनडोर गेम्स खेलने को प्रेरित करनी चाहिए | बच्चों में ज्यादा दिन तक रहने वाला सर्दी जुकाम निमोनिया भी हो सकता है | शिशु के सर व पैर हमेशा ढक कर रखना चाहिए 
  • नवजात शिशु की रोग प्रतिरोधी क्षमता बनाये रखने के लिए उसे स्तनपान कराना चाहिए | अपने शिशु का टीकाकरण समय पर करायें जिससे वो कई संक्रामक बिमारियों के खतरे से दूर रहे | 
  • अपने चिकित्सक से समय-समय पर मिलते रहे | समय-समय पर ब्लड प्रेशर नापते रहें और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखे | सर्दियों में ब्लड प्रेशर बढ़ने का एक कारण होता है रक्त वाहिकाओं का संकुचित हो जाना जिससे हदय पर दबाव पड़ता है |
  • सरदर्द, घबराहट, आँखों में भारीपन महसूस होने पर चिकित्सक से मिले | खाने में तेल, घी कम से कम खाये और रोज व्यायाम करना चाहिए |
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