हैजा फैलने का कारण :
यह एक भयंकर संक्रामक रोग है जो बहुधा महामारी के रूप में फ़ैल जाता है | यह एक जलजन्य रोग है जो बहुत तेजी से आक्रमण करता और फैलता है | हैजा जीवाणु बहुत सूक्ष्म कौमा (,) के आकर का होता है | इसका संप्राप्ति काल या ३ दिन होता है | यह रोगी के मलमूत्र, वमन उलटी आदि के द्वारा फैलता है | इसके जीवाणु आहार तथा जल में अनुकूल ताप तथा सूर्य का प्रकाश पाकर फैलते हैं | इनको फैलाने का कार्य मुख्यत: मक्खियाँ करती हैं |
रोग के लक्षण में उलटी आना और दस्त आना जिनका रंग चावल के जैसा सफ़ेद और पतला होता है | प्यास अधिक लगती है और पेशाब बंद हो जाता है क्योंकि देह में जल की मात्रा कम होने लगती है तथा डी-हाईड्रेशन आरंभ हो जाता है | कमजोर तथा बदन में दर्द व अकडन हो जाती है | देह ठंडी होने लगती है |
परिचर्या और बचाव के उपाय -
यह एक भयंकर संक्रामक रोग है जो बहुधा महामारी के रूप में फ़ैल जाता है | यह एक जलजन्य रोग है जो बहुत तेजी से आक्रमण करता और फैलता है | हैजा जीवाणु बहुत सूक्ष्म कौमा (,) के आकर का होता है | इसका संप्राप्ति काल या ३ दिन होता है | यह रोगी के मलमूत्र, वमन उलटी आदि के द्वारा फैलता है | इसके जीवाणु आहार तथा जल में अनुकूल ताप तथा सूर्य का प्रकाश पाकर फैलते हैं | इनको फैलाने का कार्य मुख्यत: मक्खियाँ करती हैं |
परिचर्या और बचाव के उपाय -
- रोग की आशंका होते ही डॉक्टर को बुलवाना चाहिए | रोगी को लिटा देना चाहिए | केवल चावल का पानी या अंडे की सफेदी फेंटकर देनी चाहिए |
- पेट पर हलका घोल थोडा-थोडा देना चाहिए | पिने को परमैगनेट का हलका घोल थोडा-थोडा देना चाहिए |
- आधा किलो उबले पानी में १२० ग्रेन नमक डालकर घोल तैयार किया जाता है | इसका टिका हाथ या पाँव की नस में डॉक्टर से लगवाना चाहिए |
- हैजे के रोग तथा जिनको छूत लग चुकी हो उन्हें अन्य व्यक्तियों से अलग कर देना चाहिए | सड़ी गली तथा बासी खाने पिने की वस्तुओं को नहीं खाना चाहिए |
- सब व्यक्तियों को हैजे का टिका अनिवार्य रूप में लगवा देना चाहिए | इसका असर चार माह तक रहता है | रोगी की सब वस्तुओं को जला देना चाहिए या पूरी तरह विसंक्रमित कर देना चाहिए |
- समस्त जल साधनों को ब्लीचिंग पाउडर से विसंक्रमित कर देना चाहिए | मक्खियों को नष्ट करना चाहिए | पेट की खराबी का तुरंत उपचार करना चाहिए |
- रोगियों को सार्वजनिक स्थानों में नहीं जाने देना चाहिए | हैजे के दिनों में दस्त की दवा नहीं लेनी चाहिए | दूध या पानी उबालकर पीना चाहिए |
- खाद्य- पदार्थो को मक्खियों से बचाकर रखना चाहिए और बाजार की मिठाइयाँ कटे हुए फल या सब्जियाँ नहीं खाने चाहिए | यह आपको पढ़कर अच्छा लगा हो तो अपने मित्र या ग्रुप में अवश्य शेयर करे | स्वास्थ्य के लिए अधिक जानकारी www.jangaltips.blogspot.in पे क्लिक करो या गूगल पर टाइप करो | यदि आपके पास स्वास्थ्य के बारे में अधिक जानकारी है तो हमारी E-mail Id है : jangaltipsin2015@gmail.com पर भेज सकते है Thanks.