ब्यूटी पार्लर :
ब्यूटी पार्लर और वास्तु टिप्स यह अपनाने पर इस व्यवसाय को सफल होने में देर नहीं लगाती है | यह तो महिलाओं के साथ-साथ पुरुषो में भी सौंदर्य के प्रति जागरूकता बढ़ गई है | ज्यादा तर महानगरो में ब्यूटी पार्लर का व्यवसाय तो करोड़ों का हो चूका है | पुरुष और महिला दोनों के लिए एक ही ब्यूटी पार्लर का भी प्रचालन बढ़ गया है | यह आजकल ब्यूटी पार्लर महानगरों तथा नगरों के प्रत्येक मुख्य स्थान या गली मुहल्लों में अवश्य ही देखने को मिलता है | यह एक भारतीय संस्कृति पर सभ्यता का ही प्रभाव है अन्यथा भारतीय संस्कृति इस व्यवस्था के प्रति सकारात्मक द्रस्टीकोण नहीं रखती है | जो भी हो समयानुकूल बदलाव होना विकास की और ही संकेत करता है | परिवर्तन एक शाश्वत चलने वाली प्रक्रिया है |सभी ब्यूटी पार्लर की अंधाधुंध कमाई में अगर व्यवसाय फल फुल रहा है तो बहुत सुन्दर और यदि नहीं तो क्यों नहीं ? कभी कभी ऐसा भी देखा गया है की शहर के मुख्य स्थल पर ब्यूटी पार्लर के होते हुए भी अच्छा रेस्पांस नहीं मिलता है | जो गली के अंदर ब्यूटी पार्लर है वहा अच्छा रेस्पांस दे रहे है | इसका मुख्य कारण है की ब्यूटी पार्लर में वास्तु दोष का होना । वास्तु दोष होने पर सकारात्मक ऊर्जा के स्थान पर नकारत्मक ऊर्जा इतना बढ़ जाता है की कई बार ग्राहक को अच्छा रेस्पांस मिले तो वास्तु के निम्न नियमो के अनुरूप आतंरिक साज - सज्जा करके अंधाधुंध कमाई के पात्र बन जाता है ।
निचे दिया हुवा वास्तु टिप्स के क्या क्या लागू करना है ।
- ब्यूटी पार्लर का मुख्य द्वार उत्तर ईशान कोण या पूर्व में होना अच्छा होता है । रिस्पेप्शन काउंटर इस प्रकार बनाये की रिसेप्सनिस्ट का मुख्य हमेशा ईशान पूर्व या उत्तर में होना चाहिए । दर्पण दिशा को उत्तर पूर्व या उत्तर और पूर्व दोनों में लगाना चाहिए ।
- ब्यूटी पार्लर का मुख्य प्रवेश द्वार पर अंदर की और गणपति की मूर्ती स्थापित करनी चाहिए । वाश बेशिन उत्तर ईशानकोण या पूर्व दिशा में लगाना चाहिए । कैश काउंटर के आस पास मछली घर रखने से धन की वृद्धि होती है ।
- कैश काउंटर इस प्रकार रखे की खोलने पर उसका मुख्य उत्तर तथा पूरब दिशा में खुलना चाहिए । पूर्व दक्षिण में बिजली के स्विच व उपकरण होना चाहिए । स्टीम बाथ तथा पेंट्री को आग्नेय कोण में बनाये ।
- मुख्य ब्यूटीशियन को इस प्रकार बैठना चाहिए की उसका मुंह उत्तर या पूर्व की और रहे | सभी सोंदार्ये प्रसाधन को पश्चिम दिशा में रखना चाहिए | शौचालय दक्षिण या पश्चिम दिशा में होना चाहिए | ग्राहकों को सदैव वायव्य उत्तर या पश्चिम में बैठाना चाहिए | दीवारों या पर्दों का रंग हल्का गुलाबी, नारंगी, आसमानी और हल्का बैंगनी होनी चाहिए |
- पार्लर का नाम किसी स्त्रीलिंग शब्द से रखना चाहिए | तौलिया का प्रयोग सफ़ेद या हल्का गुलाबी रंग का ही करना चाहिए | फिजिकल फिटनेस के लिए कोई मशीन, उपकरण आदि हो तो उन्हें नैरित्यु पश्चिम या दक्षिण में लगाएं |
- ब्यूटी पार्लर के आग्नेय कोण में हमेशा एक केंडल या लाल बल्ब जलाकर रखना चाहिए | इससे सकारात्मक उर्जा बढती है | कारीगरों में कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है | थ्रेडिंग. वैक्सिंग, पेडिक्योर, मैनी क्योर, हेयर कटिंग, महेंदी, कलरिंग, ट्रिमिंग आदि कार्य कोण पूर्व-दक्षिण में करना चाहिए |
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