Friday, July 1, 2016

बारिश के मौसम में बीमार क्यों पड़ते है ?

बीमार क्यों पड़ते है :

        बारिश के मौसम में वात, पित्त और कफ तीनों के प्रभावित हो जाने से बिमारी होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है | मौसम के दूषित जल और नमीयुक्त वायु से शरीर की गर्माहट कम हो जाती है | बारिश के दिनों में आसमान बादलों घिरा रहता है और हवा में नमी बनी रहती है | बच्चे ही नहीं बड़े भी ऐसे मौसम में बीमार पड़ जाते है | ऐसे में में सबसे बड़ी चुनौती रहती है खुद को स्वस्थ रखना | मौसम के सुहानी में दस्तक कई बीमारियों की स्वागत भी लाती है | बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा बीमारियाँ गंदे पानी से होती है | उनमे से एक टाइफाइड है | यह गंभीर बीमारी है अगर समय रहते पकड़ में आ जाए तो एंटीबायोटिक्स देने से ठीक हो जाता है | टाइफाइड आमतोर पर समय पर पकड़ में नहीं आता है | शुरू में तो मामूली बुखार लगता है जिसे अकसर अनदेखा कर देते हैं | कई बार पता ही नहीं चलता की बच्चों को बुखार है लेकिन यह बुखार अंदर ही अंदर पनप रहा होती है |

बीमार क्यों पड़ते और फिट रहने के लिए क्या करना है ?
        मौसम के दूषित जल और नमीयुक्त वायु से शरीर की गर्माहट कम हो जाती है | गर्माहट कम होने से शरीर की पाचन क्रिया प्रभावित होती है | साथ ही इस समय वायु और जल गंदा होता है जिसमे शरीर का पित्त प्रभावित हो जाता है | गंदे वातावरण में स्पर्श से कफ पर भी असर पड़ता है | इस तरह बारिश के मौसम में वात, पित्त और कफ तीनों के प्रभावित हो जाने से बिमारी होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है | बारिश के मौसम स्वस्थ रहने के लिए गर्मी देने वाले पदार्थो का सेवन करना चाहिए जैसे मूंग की दाल, मट्टा, नींबू, अंजीर और खजूर इत्यादि | पानी उबालकर ही पीना चाहिए | प्रतिदिन हरड के चूर्ण के साथ सेंधा नमक का सेवन करना चाहिए | अधिक वर्षा के दिनों में लवणयुक्त खट्टे पधार्थो का सेवन करना चाहिए | तेल लगाकर नहाना चाहिए | पहनने के वस्त्रों को अकसर धुप में सुखाना चाहिए | इस प्रकार कुछ सावधानियां बरतकर आप स्वस्थ रहकर बारिश के मौसम का आनंद ले सकते है |

  • पानी में सालमोनेला बैक्टीरिया पानी या खाने के द्वारा हमारी आंत में जाता है | जिसमे आंत में अल्सर हो जाता है | यह अल्सर बुखार की वजह बनता है | यह बेक्टीरिया ज्यादातर पोल्द्री प्रोडक्स जैसे अंडे को खाने से शरीर में जाता है |
  • जब तक जांच द्वारा टाइफाइड का पता चले और उसका इलाज शुरू न हो तब तक मरीज बुखार से पीड़ित रहता है | हर किसी को इस सुहाने मौसम का पूरा लुफ्त उठाने की इच्छा होती है पर साथ ही इस मौसम में लोग अक्सर जल्दी बीमार हो जाते है | 
  • बारिश के मौसम में मलेरिया, डेंगू, सर्दी-खासी, जुलाब, उलटी पीलिया इत्यादि अनेक रोग फैलते है | जिस तरह हम बारिश से बचने के लिए छाते के इस्तेमाल करते है ठीक उसी तरह बरसात के मौसम में फैलनेवाली इन बिमारियों से बचने के लिए हमें कुछ एहतियात रूपी छाते का इस्तेमाल करना चाहिए |
  • हमेशा ताजे और स्वस्छ सब्जी फल का सेवन करना चाहिए | ध्यान रहे की खाने से पहले फल सब्जी को अच्छे से स्वच्छ पानी से धो कर साफ़ कर लेनी चाहिए | बासी भोजन पहले से कटे हुए फल तथा दूषित भोजन का सेवन न करे | हमेशा ताजा गरम खाना खाए | 
  • इन दिनों में हमारी पाचन शक्ति सबसे कम होती है | इसलिए जरुरी है अधिक तला, भुना खाना न खाया जाए बल्की एसा भोजन खाए जो आसानी से पच जाए | ज्यादा ठंडा, खट्टा न खाए | ज्यादा नमक वाली चीजे जैसे चिप्स, कुरकुटे, चटनी, पापड कम खाए |
  • बाहर का सडक के किनारे मिलनेवाला या होटल का खाना खाने से पूरी तरह बचना चाहिए | हमेशा उबाल कर ठंडा किया हुबा या फ़िल्टर किए हुए स्वच्छ पानी का सेवन करे | कम से कम १५ मिनट तक पानी अवश्य उबाले |
  • वर्षा ऋतू में अधिक नमी होने के कारण शरीर की गर्मी निकलती है और साथ ही पसीना भी ज्यादा आता है ऐसे में जरुरी है की शरीर में पर्याप्त पानी का प्रमाण रखने के लिए भरपूर पानी का सेवन करे | ठंडा पेय पिने की बजह तुलसी, इलायची की चाय थोडा गरम पानी पीना ज्यादा फायदेमंद होता है |
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