अस्थमा (Asthma) :
अस्थमा कहे या हिंदी में दमा ये श्वसन तंत्र की बीमारी है जिससे कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है | क्योंकि श्वसन मार्ग में सूजन आ जाने के कारण वह संकुचित हो जाती है | इस कारण छोटी-छोटी सांस लेनी पड़ती है | छाती में कसाव जैसा महसूस होता है और सास फूलने लगती है और बार-बार खांसी आती है | इस बीमारी के होने का विशेष उम्र बंधन नहीं होता है | किसी भी उम्र में कभी भी यह बीमारी हो सकता है | दमा का कोई स्थायी इलाज नहीं है लेकिन इस पर नियंत्रण जरुर किया जा सकता है | दम (अस्थमा ) से पीड़ित व्यक्ति सामान्य जीवन व्यतीत कर सके | अस्थमा तब तक ही नियंत्रण में रहता है जब तक मरीज जरुरी सावधानियां बरत रहा है |दमा के रोगी के लिए घरेलु उपचार :-
- दमा रोग से पीड़ित रोगी का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को प्रतिदिन नींबू तथा शहद को पानी में मिलाकर पीना चाहिए और फिर उपवास रखना चाहिए | इसके बाद १ सप्ताह तक फलों का रस या हरी सब्जियों का रस तथा सूप पीकर उपवास रखना चाहिए | फिर इसके बाद २ सप्ताह तक बिना पका हुआ भोजन करना चाहिए | इसके बाद साधारण भोजन करना चाहिए |
- दमा रोग से पीड़ित रोगी को रात के समय में जल्दी ही भोजन करके सो जाना चाहिए तथा रात को सोने से पहले गर्म पानी को पीकर सोना चाहिए तथा अजवायन के पानी की भाप लेनी चाहिए | इससे रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है | दमा रोग ठीक करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार कई प्रकार के आसन भी है जिनको करने से दमा रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है | यह आसन इस प्रकार है योगमुद्रासन, मकरासन, शलभासन, अश्वस्थासन, ताड़ासन, उत्तान, कुर्मासन, तथा भुजांगासन आदि |
- जैसा की पहले ही बताया जा चूका है की दमा का कोई इलाज नहीं होता है | लेकिन दवा या कुछ घरेलु उपायों के द्वारा इसके कष्ट को कम किया जा सकता है | एक लीटर पानी में डॉन बड़ा चम्मच मेथी के दाने डालकर आधा घंटे तक उबालें, उसके बाद इसको छान लें | दो बड़े चम्मच अदरक का पेस्ट एक छलनी में डालकर उस रस निकाल कर मेथी के पानी में डालें | उसके बाद एक चम्मच शुद्र शहद इस मिश्रण में डालकर अछि तरह से मिला लें | दमा के रोगी को यह मिश्रण प्रतिदिन सुबह पीना चाहिए |
- मौसम में ठंड के कारण दमा का रोग भयंकर रूप धारण करता है | इसलिए इस समय इन घरेलु उपचारों के सहायता से दमा रोग के कष्ट को तो कुछ हद तक काबू में किया जा सकता है साथ ही कुछ बातों पर ध्यान से दमा रोग को बढ़ने से रोका जा सकता है | १. इन्हेलर को अपने पास रखें २. घर को हमेशा साफ़ रखे ताकि धुल से एलर्जी की संभावना न हो ३. मुँह से साँस न ले क्योंकि मुँह से साँस लेने पर ठंड भीतर चला जाता है जो रोग को बढ़ने में मदद करता है |
- दमा रोग से पीड़ित रोगी को अपने पेट को साफ़ रखना चाहिए तथा कब्ज नहीं होने देना चाहिए | धुम्रपान करने वाले व्यक्तियों के साथ नहीं रहना तथा धुम्रपान भी नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से इस रोग का प्रकोप और अधिक बढ़ सकता है |
यह आपको पढ़कर अच्छा लगा हो तो अपने मित्र या ग्रुप में Fecebook या Whatsapp शेयर करे | स्वास्थ्य के लिए अधिक जानकारी http://jangaltips.blogspot.com/2017/01/blog-post.html