Monday, January 23, 2017

२६ जनवरी क्यों मनाया जाता है इसी दिन परेड और कार्यक्रम कैसे होता है ?

२६ जनवरी निबंध :

          भारत एक राष्ट्रीय पर्व जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है | इसी दिन सन 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया था | पहली गणतंत्र दिवस की परेड 1950 में प्रदर्शित की गयी थी जब भारत का पहला गणतंत्र दिवस मनाया गया था | भारतीय राष्ट्रपति के पहुँचने के बाद परेड शुरू होती है | परेड से पहले भारत के प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर पुष्प अर्पित करके भारत के लिए अपने जीवन का बलिदान करने वाले भारतीय जवानों को श्रधांजलि देते हैं | और भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रिय ध्वज को फहराते हैं |


          हर साल भारत में दो-चार राष्ट्रिय पर्व मनाये जाते हैं | 26 जनवरी के दिन मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस उन सभी में सबसे प्रमुख एवं महत्वपूर्ण पर्व या उत्सव है | और हमारे देश 15 अगस्त सन 1947 के दिन लगभग दो सताब्दी तक परतंत्रता की यातनाएं भोगते रहने और अनेक प्रकार के त्याग और बलिदान करने के बाद कहीं जाकर भारत देश स्वतंत्र हुवा था | 26 जनवरी को पूरा भारत रिपब्लिक डे मनाया जाता है | राजपथ पर उस दिन भारत के राष्ट्रपति तिरंगा फहराते है लेकिन क्या आप जानते है यह 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है क्योंकि पहली बार राष्ट्रीय ध्वज कहां फहराया था ? हमारे नेता डोमिनन स्टेटस के पक्ष में थे | जहा यूके का मोनार्च ही भारतीय संविधान का अध्यक्ष होगा | साल 1927 के दरमियान भगत सिंह और हिंदुस्तान रिपिब्लिक एसोशियशन की भारतीय राजनीती में मांग बढ़ रही थी | कांग्रेस से अलग भगत सिंह और उनकी फौज ने भारत की पूरी आजादी की बात राखी | अब इससे इंडियन नेशनल कांग्रेस के जो युवा नेता थे सुभाष चंद्र बोस, जवाहर लाल नेहरु वे भी प्रभावित हो गए | उन्होंने कांग्रेस से मांग की वे भी पूरी आजादी की मांग करे, लेकिन उनकी ये आवाज सुनी नहीं गई |  दिसंबर 1928 में आईएनसी ने डोमिनन स्टेटश की मांग करते हुए एक प्रस्ताव लाइ, और ब्रिटिश सरकार को एक साल का समय दिया ब्रिटिश ने इस विचार को नकार दिया, ये कहते हुए भारत डोमिनन स्टेटस के लिए अभी तैयार नहीं हैं | अब इससे कांग्रेस नाराज हो गई | लाहौर में 1929 में एक सेशन के दौरान नेहरु को अध्यक्ष चुन लिया गया | और कांग्रेस ने डोमिनन स्टेट्स से अलग पूर्ण स्वराज के लिए वोट किया | इसके बाद एक प्रस्ताव पारित हुआ की 1930 में जनवरी के दिन आखिर रविवार को स्वतंत्रा दिवस के रूप में मनाया जाए | जनवरी का आखिर रविवार 1930 में 26 तक को पड़ा | इस दिन जवाहर लाल नेहरु ने लाहौर में रवि नदी के किनारे तिरंगा फहराया | इसके बाद भारत ने 26 जनवरी 1930 में स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया लेकिन ब्रिटिश अभी भारत में ही थे | 15 अगस्त 1947 से पहले जब भारत को आजादी मिली, हमारी संविधान सभा जिसका गठन 1946 में हो गया था और हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 तक तैयार हो गया था तब  जो नेता थे उनहोंने दो महीने और रुकने का निर्णय लिया ऐसे में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है |

गणतंत्र दिवस के ही दिन परेड का कार्यक्रम होता है :-

         भारत में गणतंत्र दिवस हर साल एक बड़ी ही और भव्य गणतंत्र दिवस परेड को नई दिल्ली में राजपथ, इंडिया गेट पर आयोजित करके मनाया जाता है | वार्षिक रूप से 26 जनवरी को राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण के बाद गणतंत्र दिवस परेड की जाती है | ये गतिविधि भारतीय गणतंत्र दिवस के उत्सव का प्रमुख आकर्षण होती है जो आमतोर पर बीटिंग रिट्रीट समारोह के होने तक अगले 3 दिनों तक चलती है | ये भारतीय सरकार द्वारा सुरक्षा क्षमता भारत की सांस्कृतिक और सामजिक विरासत को पूरी दुनिया के सामने दिखाने के लिए आयोजित की जाती है | भारत की गणतंत्र दिवस की परेड दुनिया की सबसे प्रसिद्र परेडों में से एक है जिसमें 25 से अधिक चलते और घुड़सवार दल वाले, लगभग 20 सैन्य बैंड, विभिन्न सैन्य वाहन, 30 विमान, 30 सांस्कृतिक झाँकी, राज्यों के अनुसार सांस्कृतिक झांकी और 1200 स्कूल के बच्चे शामिल होते हैं |

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