Tuesday, August 9, 2016

तन-मन की उर्जा कैसे बढती है !

तन-मन की उर्जा :

       जीवन में सेहत एवं व्यवहार विशेषज्ञों ने तन-मन को रिलेक्स प्रफुलित रखने और प्रतिरोधात्मक क्षमता सुधारने के कुछ बेहद आसान तरीके बताए हैं | इसके लिए आपको किसी प्रकार की दवाइयां खाने की जरुरत नहीं है | जीवन में बस शैली सामान्य परिवर्तन करना ही पर्याप्त होता हैं |




मित्रों से आत्मीयता बढाएं और प्रकृति के पास जाना चाहिएं :-
        अगर आप बात-बात पर बहस शुरू करने लगते हैं तो व्यर्थ ही उर्जा बर्बाद करने के कारण आपका मन और तन दोनों थक जाता है | जर्नल ऑफ़ एपिडेमियोलौजी एंड कम्युनिटी हैल्थ में प्रकाशित शोध में तो यहाँ तक लिखा है की बात-बात पर अपने इर्द-गिर्द मौजूद लोगों से बकबक करने वालों की आशंका बढ़ जाती है | इसका कारण है- स्ट्रेस लेवल बढ़ना और सेहत पर निगेटिव इफेक्ट पड़ना |

1. मनोवैज्ञानिक कहते हैं की जिन लीगों के बहुत कम मित्र होते हैं या जो मित्रों के प्रति आत्मीयता नहीं रखते हैं | वह ज्यादा बीमार पड़ते है और प्राय: एंग्जायटी से त्रस्त रहते हैं | जबकि मित्रों से आत्मीय संबंध रखने वाले उनके साथ अपनी समस्याएं और चिंताएं शेयर करके काफी हद तक रिलेक्श महसूस कर लेते हैं | किसी से कह लेने पर मन का बोझ हल्का हो जाता है |

2. समय-समय पर प्रकृति की गोद में विचरण करना और उसकी खूबसूरती में गोते लगाना तन और मन को एक नई ऊर्जा से सराबोर कर देता है | साथ ही इससे शरीर का इम्युनिटी सिस्टम भी इम्प्रूव होता है | ज्यादा दूर जाना संभव ना भी हो तो अपने मोहल्ले के पार्क या अपने पिछवाड़े बने बगीचे की हरियाली को ही निहार लेनी चाहिएं | इससे स्ट्रेस से मुक्ति मिल जाती हैं |

अन्य अनुभव और उपाय 

  • मालिश या मसाज करने से बैक्टरिया और वायरस से लड़ने वाली श्वेत रक्त कणिकाओं की संख्या जरुरत होती है | साथ ही मालिश से एलर्जी अस्थमा और इनफ्लेमेशेनकारक तत्व भी घट जाता हैं | 
  • मसाज से स्ट्रेस लेवल बढ़ाने वाले हार्मोन का उत्पादन भी घटता हैं | नियमित व्यायाम करने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है | 
  • हंसने की आदत डालें-हंसी तन-मन का टोनिक है | प्रयाप्त म,मात्रा में नींद लें इससे तन और मन को ना सिर्फ आराम है बल्कि जरुरी उर्जा भी मिलती है | 
  • जीवन साथी के साथ प्रेम सम्बन्ध बनाने एवं स्वस्थ सेक्स सम्बन्ध रखने से अच्छे रसायनों का उत्सर्जन होता है एवं फिल गुड हार्मोन का उत्पादन होता है |
मनोविज्ञानी कहते हैं की अच्छे अनुभवों को याद करके डायरी में लिखना सेहत पर सकारात्मक असर डालता है | अनुभवों को रोज लोगों के साथ शेयर करने वाले लम्बे समय तक खुश रहते हैं |
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