Saturday, November 28, 2015

स्तन कैंसर : सायलेंट किलर माना जाता है

स्तन कैंसर क्या है 
       स्तन कैंसर भारतीय महिलाओं में दूसरा सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर है | ग्रामीण महिलाओं में यह जानलेवा रोग अधिक पाया जाता है | इसी तरह शरीर समाज की उच्च वर्ग की महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले अधिक संख्या में देखे जाते हैं | स्तन कैंसर को सायलेंट किलर माना जाता हैं, क्योंकि यह चुपचाप हमला करता है | देश में  स्तन कैंसर के मामला में तेजी से वृद्धी हो रही है | हर २२ में से एक भारतीय महिला को  स्तन कैंसर है | उम्र के साथ स्तन कैंसर है की आशंका भी बढ़ जा रही है | जिस मरीज माँ, मौसी या बहन को कैंसर हो तो उसे कैंसर होने की आशंका अधिक होती है |


की तरह लड़की लड़ाई



        



    स्तन कैंसर का लक्षण या बचाव कैसे करे -
       स्तन कैंसर महिलाओं में शोध हो जाती है | यह शोध धीरे-धीरे बढती है तथा घाव का रूप धारण कर लेती है | इसमें स्तन पर नीली- नीली शिराए उभर आती है, वहाँ की चमड़ी सख्य तथा काली सी पड़ जाती है | हर समय स्तन में दर्द की चुभन और जलन महसूस होती है | रात्रि के समय कष्ट ज्यादा बढ़ जाती है | स्तन कड़क होना ,स्तन की त्वचा पर घाव होना, निप्पल का अन्दर की और घंस जाना रक्तश्त्राव होना, बगल में गांठ होना और हाथ में सुजन आ जाना कुछ ऐसे प्रारंभिक लक्षण है जो स्तन कैंसर की और संकेत करते हैं |
      स्तन कैंसर महिलाएँ स्वय इन लक्षणों को देख सकती है | आवश्यक है की कम- से कम एक बार अपनी जाँच स्वयं करें | सबसे पहले तो महिलाओं को इस रोग के प्रति जागरूक होना चाहिए | मोटापा न चढ़ने दें, चिकनाई वाला भोजन सिमित मात्रा में खाएँ शराब का सेवन बिलकुल न करें, नियमित रूप से व्यायाम करें, विटामिन सी का सेवन पर्याप्त मात्रा में करें, इसकी प्रधानता वाले फल संतरा, मौसमी, नीबू, चकोतरा तथा पत्तेदार, सब्जियों का अधिक सेवन करें, | स्वयं अपने स्तनों का कम-से- कम प्रति सप्ताह परिक्षण अवश्य किया करें |

  • सोया का सेवन करें - सोयाबीन, सोया आटा, किसी भी रूप में सोया का सेवन करें | सोया कैंसर से सुरक्षा देता है | गाजर, आडू, अखरोट, पपीता, टमाटर, मटर, शकरकंद, नाशपाती का सेवन करें |
  • विटामिन सी युक्त खाध पधार्थो को अपने भोजन में शामिल करें | विटामिन सी को एंटी कैंसर माना जाता है | यह आँवला, संतरा, अमरुद, नीबू, आदि में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है |
  • अंकुरित दालों व बिन्स का सेवन करें | मुंग, चना, उडद दाल आदि के अतिरित आलू, भुट्टा आदि का सेवन करें | स्तन-गाँठ का पता लगते ही योग्य चिकित्सक से इलाज कराएँ |

       

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