योगासन : त्रिकोणासन
त्रिकोणासन के विधि सीधे खड़े होकर पैरों के बीच डेढ़ फीट का फासला कर लीजिए | बाएँ हाथ को बाएँ टॉच के साथ रखते हुएँ श्वास छोड़ते हुए निचे की ओर इस प्रकार झुकें क़ि आपकी टॉगें न मुड़ें । हथेली जमीन पर पैर के बाई ओर आ जाए और जमीन को छुए । दाया हाथ ऊपर आसमान की तरफ उठाएँ तथा की हथेली की तरफ ऊपर देखें । फिर धीरे धीरे वापस पहली स्थिति में आ जाएँ । वापस आकर अपने दोनों हाथों को ऊपर निचे खींचे । यही क्रिया बायाँ हाथ ऊपर करके दायीं ओर भी करे ।
त्रिकोणासन का फायदा ( लाभ ) :-
त्रिकोणासन के विधि सीधे खड़े होकर पैरों के बीच डेढ़ फीट का फासला कर लीजिए | बाएँ हाथ को बाएँ टॉच के साथ रखते हुएँ श्वास छोड़ते हुए निचे की ओर इस प्रकार झुकें क़ि आपकी टॉगें न मुड़ें । हथेली जमीन पर पैर के बाई ओर आ जाए और जमीन को छुए । दाया हाथ ऊपर आसमान की तरफ उठाएँ तथा की हथेली की तरफ ऊपर देखें । फिर धीरे धीरे वापस पहली स्थिति में आ जाएँ । वापस आकर अपने दोनों हाथों को ऊपर निचे खींचे । यही क्रिया बायाँ हाथ ऊपर करके दायीं ओर भी करे ।
त्रिकोणासन का फायदा ( लाभ ) :-
- गले के तंतुओं और ग्रंथियो का व्यायाम होता है |
- मेरुदंड की पेशियों और स्नायुओं पर खिंचाव पड़ने से लचक पैदा होती है | कमर को मजबूत होने में सहायता मिलती है |
- बड़ी ऑत, जिगर तथा तिल्ली पर लाभदायक प्रभाव पड़ता है |