Sunday, January 17, 2016

ठंडी में जादा चा-कोफ़ी हानिकारक हैं |

ठंडी में जादा चा - कोफ़ी :
        ठंडी में गरमाहट करने के लिए जादातर लोग चा-कोफ़ी सेवन जादा करते हैं | इस कारण ऑफिस में बैठकर काम करनेवाले लोग चा-कोफ़ी जादा प्रमाण में लेते हैं | किंतु ठंडी में जादा चा-कोफ़ी हानिकारक हैं | जादा चा-कोफ़ी लेने से शरीर को कोफीन और सुगर के मात्रा बढ़ जाती हैं | यह प्रमाण अन्य बिमारीको आमंत्रण करता हैं |


       गरम पीनेसे चा-कोफ़ी के सिवाय अन्य ऑप्शन भी हैं | इस के जगह पे गरम दूध, ग्रीन टी के समयांतर गरम पानी पिने के लिए रखे | ठंडी में जादातर लोग धुप में बेठने के लिए पसंद करते हैं | किंतु धुप में जादा बेठने से अल्ट्रावायोलेट किरण शरीर को हानिकारक हो सकता हैं | स्किन को सुरक्षित करना एक मेलनिन नामका एक तत्व का प्रमाण कम हो जाता हैं | इसीलिए थोडा धुप भी हमारा त्वचा को बर्न करता हैं |

      ठंडी में हवा जादा आता हैं | इसीलिए जादातर साम और रात को बहार निकलना नहीं |  और निकलना पड़ा तो नाक या चेहरे को दू पट्टा से बाध कर निकलना है | ठंडा वातावरण में जादातर स्वाइन फ़्लू और देंग्गु के वायरल जादा एक्टिव होता है | इस कारण इतना सलामत रखना आवश्यक हैं | ठंडी में दिन छोटा और रात लंबी होती हैं | इस कारण लोग देर तक सोते रहते हैं | बहार की ठंडी बेड (पथारी ) से उठने देती नहीं | किंतु जादा आराम दिन पे हेल्थ को प्रोब्लम होता हैं |

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