Saturday, January 2, 2016

पीठ का दर्द उपचार : कैसे बैठे और कैसे खड़े हों

पीठ का दर्द उपचार : 
         लगभग पीठ का दर्द हर आदमी को जीवन के दौरान कभी न कभी होता है । जिससे वह परेशान रहता है । सच तो यह है कि पीठ दर्द भाग- दौड़ से भरी आधुनिक जीवन शैली का आधुनिक उपहार है । अनजाने में यह हमारे द्वारा बुलाया गया मेहमान है ।


     
       वास्तव में सरीर के इस दर्द की वजह रीढ़ की हड्डी व उससे जुडी मांसपेशियां है जिनमें गलत ढंग से बैठने खड़े होने और लेटने के समय आवश्यकता से अधिक दबाव पड़ने से दर्द होने लगता है ।
       आमतौर पर 40 वर्ष की आयु के बाद रीढ़ की हड्डीयों का क्षरण शुरू होना जाता है । हड्डियों में केल्शियम और अन्य खनिज पद्धार्थों की कमी से मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं । रीढ़ की हड्डी चोट दबाव व् किसी भी प्रकार के कारण तनावग्रस्त होती है उसमे तकलीफ होती है । इसके अलावा पोषक तत्वों की कमी लंबी बीमारी आदि कुछ कारणों से भी पीठ का दर्द होता है ।

      कैसे बेठना है : 
      ऊँची एड़ी के चप्पल व सेंडिल ज्यादा समय तक नहीं पहनें इससे मांसपेशियों पर आवश्यकता से अधिक दबाव पड़ता है । हमेशा कुर्शी की पीठ से अपनी पीठ सटाकर ही बेठना चाहिए । कुछ भी लिखते पढ़ते समय हमारी गरदन और सिर आगे की ओर झुके होने चाहिए । कुरशी में कभी भी अपने सरीर को तोड़ मरोड़कर नहीं बेठना चाहिए ।
      जमीन से कोई भी वास्तु उठाते समय अपनी पीठ को न झुकाकर हमेशा घुटनो को मोड़कर ही वसतु को उठाना चाहिए । उचाई पर रखी किसी वसतु को उतारने के लिए उचकने की जगह स्टूल आदि का उपयोग करना चाहिए । हमेशा सीधे बैठकर ही भोजन करना चाहिए न की कमर को आगे की और झुकाकर ।
    कैसे खड़ा रहे :
      कभी लगातार खड़े रहना हो तो हमेशा पाँव की स्थिति बदलकर ही खड़े रहना चाहिए । हमेशा मुलायम व् आरामदेह जुते चप्पल व सैंडिल पहनने चाहिए । रात में गहरी नींद में सोना चाहिए । गहरी नींद में सोने से मांसपेशिया को बल मिलता है और खून में हार्मोन की मात्रा बढ़ती है ।
      → पीठ में दर्द लगातार हो तो रात को सोने से पहले पीठ की बैंगन हल्दी से सिकाई करें । फिर रुई रखकर बाँध दें । इससे रीढ़ की हड्डी को गरमाहट मिलेगी और दर्द में राहत महसूस होगी ।
       → रात्रि में नित्य शयन से पूर्व ग्वारपाठा का रस गुनगुना करके मालिश करें तथा आधा कप जूस पी लिया करें भरपूर लाभ होगा ।
      → सोने से पूर्व महानारायण तेल की हलके से मालिस धीरे धीरे करे तथा एक छोटा चम्मच हल्दी दूध या गुनगुने पानी से सेवन चार दिन नियमित करें । ठंडी चीजें चावल दही आइस्क्रीम न खाएँ तथा कूलर ए.सी.पंखा की हवा में न सोएँ ।

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