Saturday, January 23, 2016

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी : क्यों मनाया जाता है ।

26 जनवरी गणतंत्र दिवस  :
          प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को देश भर में  गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है । क्योंकि इसी दिन सन 1950 को देस भर में संविधान लागु किया गया था । गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है जिसे पूरा भारत वर्ष में एक जुट हो कर मनाया जाता है । इस दिन राजपथ दिल्ली में एक विशेष परेड का आयोजन किया जाता है । इसी दिन अलग अलग राज्यो से प्रोग्राम किया जाता है । जो की राष्ट्रपति भवन राजपथ से होते हुए इंडिया गेट को जाती है । गणतंत्र ( गण + तंत्र ) का अर्थ है जनता का तंत्र जो की लोकतंत्र की सामान्य परिभाषा भी है ।

 
     

         गणतंत्र दिवस २६ जनवरी को ही मनाया जाता है | सन १९२९ के दिसंबर में लाहौर में कांग्रेस का अधिवेशन जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ था | जिसमें प्रस्ताव पारित कर इस बात की घोषणा की गई कि यदि अंग्रेज सरकार २६ जनवरी १९३० तक
भारत को डोमिनियन  स्टेट घोषित नहीं करेगी तो भारत अपने आप को पूर्णत: स्वतंत्र घोषित  कर देगा | २६ जनवरी १९३० तक जब अंग्रेज सरकार ने कुछ नहीं किया तब कांग्रेस ने उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और पूर्ण स्वराज्य के लिए एक सक्रीय आंदोलन का आरंभ किया | २६ जनवरी का महत्व बनाये रखने के लिए सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पास हुवा की २६ जनवरी को भारत गणतंत्र दिवस के रूप में प्रत्येक वर्ष मनाएगा | साथ ही साथ २६ जनवरी की महत्ता इस बात से भी बढ़ जाती है | क्योकि इसी दिन २६ जनवरी १९५० को देस का संविधान जो की विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है | जिसके अस्तित्व में आने पर भारत वास्तव में एक सम्प्रभु देश बना | यह दिन उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के लिए सन्मान दर्शाता है | इस दिन हम सब उनके बलिदानों को याद कर के उन्हें भावांजलि देते है |

26 जनवरी के दिन गणतंत्र पर समारोह : -
       26 जनवरी को सर्वप्रथम भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय ध्वज दिल्ली के लाल किले पर फहराया जाता है | और उसके बाद सामूहिक रूप से राष्ट्रगान गाया जाता है | इस अवसर पर हर साल एक परेड इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक आयोजित की जाती है | जिसमें भारतीय सेना के विभिन्न अंग जैसे नौसेना, जलसेना, वायुसेना भाग लेते है | इसी दिन परेड प्रारंभ करते हुए प्रधानमंत्री असम जवान ज्योति ( सैनिकों के लिए स्मारक ) पर पुष्प माला डाल कर श्रद्दांजलि अर्पित करते हैं |
     राष्ट्रपति अपने अंगरक्षकों के साथ १४ घोड़ो की बग्घी में बैठकर इंडिया गेट पर आते है जहाँ प्रधानमंत्री उनका स्वागत करते है | राष्ट्रीय धुन के साथ ध्वजारोहण करते हैं | उन्हें २१ तोपों की सलामी दी जाती है, हवाई जहाजों द्वारा पुष्पवर्षा की जाती है | आकाश में तरंगे गुबबारे और सफ़ेद कबूतर छोड़े जाते हैं | भारत की अलग अलग राज्यों की संस्कृति, विशेषता, उनके लोग गीत, कला और विशेषता को परेड में झाँकियों के रूप में दिखाया जाता है | इस परेड को पुरे भारत में उसी समय सभी टेलीविजन और रेडियो पर भी दिखाया जाता है |
     २६ जनवरी को पावन पर्व आज भी हर दिल में राष्ट्रीय भावना की मशाल को प्रज्वलित कर रहा है | तिरंगा लहराता हुवा सभी जगह पे जोश का संचार कर रहा है | सभी जगह पर खुशियों का सौगात है | किसीने कहा है की सच कण - कण  में सोया सहीद, पत्थर - पत्थर में इतिहास है | ऐसे ही अनेक देशभक्त की शहादत का परिणाम है | हमारा गणतान्त्रिक देश भारत है | आइये हम सब मिलकर उन सभी अमर बलिदानियों को अपनी भावांजलि से नमन करते हैं |
   
      

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